हंगामे की भेंट चढ़ा जीफा का अवार्ड समारोह, आयोजकों पर बिफरे अरबाज खान
दूसरा झारखंड अंतरराष्ट्रीय फिल्म अवार्ड समारोह में बीते दिन आयोजकों की मनमानी पर बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के भाई अरबाज खान भड़क गए।
रांची, जासं। आखिरकार दूसरा झारखंड अंतरराष्ट्रीय फिल्म अवार्ड समारोह हंगामा की भेंट चढ़ गया। अंतिम दिन तीन श्रेणियों में पुरस्कार देना था। कार्यक्रम शुरू हुआ। धीरे-धीरे पुरस्कार वितरण आगे बढ़ रहा था कि अचानक रांची के फिल्मकार लाल विजय शाहदेव ने हंगामा शुरू कर दिया और वे बाहर से आए सभी कलाकारों को लेकर निकल गए। अरबाज खान, इकबाल खान, ऋचा सोनी, रतन सिंह राजपूत, आशीष शर्मा, अर्चना डायेर आदि मंच छोड़ नाराज होकर चले गए।
कार्यक्रम के बीच में इस तरह का अप्रत्याशित हंगामा देखकर दर्शक भी अवाक रह गए। कार्यक्रम का शुभारंभ कला संस्कृति मंत्री अमर बाउरी, अरबाज खान, अभिनेत्री मुग्धा गोडसे, राझा विक्रम सिंह, इकबाल खान, रतन राजपूत, गौतम रोड़े, नादिया ओवेज शेख, जीफा के अध्यक्ष ऋषि प्रकाश मिश्रा ने दीप जलाकर किया। अध्यक्ष ऋषि प्रकाश ने कहा कि आयेाजन का अंतिम दिन है। लोगों ने इन तीन दिनों में इसे काफी सराहा। मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि झारखंड खनिज संपदा के साथ-साथ अब कलाकारों के लिए भी देश दुनिया में जाना और पहचाना जाएगा। वहीं बॉलीवुड के कलाकारों ने भी जीफा के इस कार्यक्रम के प्रति आभार व्यक्त किया। मंच संचालन गोवा से आई रुचिका डावर व रोनित राय ने किया। फेमस डासर नतालिया ने अपने ग्रुप के साथ खादी का जलवा बिखेरा।
कहानी मिली तो कर सकते हैं झारखंड में शूटिंग : वीआइपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से मुखातिब अभिनेता अरबाज खान ने रांची के मौसम को खूबसूरत बताया। कहा, रांची के बारे में काफी सुन रखा था। आज देखा। लेकिन समय कम है। यहां आस-पास काफी फॉल हैं। अगली बार समय लेकर आऊंगा तो यहां के फॉल, पहाड़ और जंगल देखूंगा और यहां के स्थानीय व्यंजन का स्वाद भी लूंगा। रांची में धौनी होते तो उनसे मिलने की जरूर कोशिश करता। उन्होंने दबंग तीन के बारे में भी बताया।
कहा, जल्द ही उसकी शूटिंग शुरू होगी। कहानी, संगीत, स्क्रीप्ट तैयार है। झारखंड में शूटिंग करने के सवाल पर कहा कि झारखंड में शूटिंग कर सकते हैं। फिलहाल अभी कोई योजना नहीं है। फिल्म की कहानी मिलते ही झारखंड में शूटिंग करने पर विचार करूंगा। फिल्म फेस्टिवल में आयोजित सेलिब्रिटी क्रिकेट मैच के बारे में कहा कि मैच खेलने में मजा आया। क्रिकेट खेलना मुझे पंसद है। बचपन में खेलता था। लेकिन क्रिकेट में समझ गया कि इसमें बेहतर नहीं कर सकता। इसलिए फिल्म की ओर मुड़ गया। आदमी को अपने मन की करनी चाहिए।
झारखंड के लिए यह शर्मनाक है : लाल विजय शाहदेव मुंबई में जमे रांची के फिल्मकार लाल विजय शाहदेव ने जीफा के अध्यक्ष ऋषि प्रकाश मिश्रा पर मनमानी का आरोप लगाया। कहा, मैं झारखंड का हूं और पिछले 21 साल से मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहा हूं। इस वजह से इस फिल्म फेस्टिवल को मैंने ईमानदारी से सपोर्ट किया, लेकिन आज फेस्टिवल के चेयरमैन की मनमानी और अकेले सब फैसला लेने के खिलाफ मेरे साथ मुंबई के कलाकार प्रोग्राम का बीच में ही बायकॉट कर निकल गए।
फिल्म स्क्रीनिंग के लिए या अवार्ड चयन के लिए कोई समिति नहीं थी। सिर्फ अकेले चेयरमैन ने अपने घर पर बैठकर और लोगों को प्रलोभन देकर अवार्ड को बाटने का काम किया। पैसे लेकर अवार्ड दिए जाने की भी चर्चा है। यह सब सत्य प्रतीत हुआ जब घटिया दर्जे की फिल्मों को अवार्ड से नवाजा जा रहा था। यह पूरी तरह से एक आदमी का शो बनकर रह गया। सरकार को चाहिए कि इसे तुरंत टेकओवर करे और अगली बार से सही तरीके से इस प्रोग्राम को करवाए। झारखंड मेहमानों का स्वागत के लिए जाना जाता था. पर यहा आए बाहर के कलाकारों को पानी तक नही पूछा गया। यह झारखंड के लिए शर्मनाक है। मुख्यमंत्री से समय लेकर मिलना चाहूंगा और उनको सच्चाई से अवगत कराना चाहूंगा कि कैसे उनकी तस्वीर और राज्य लोगो लगाकर सबको बेवकूफ बनाया जा रहा है।
अरबाज ने बायकाट नहीं किया : सुनील बादल जीफा के मीडिया प्रभारी सुनील बादल ने कहा कि अरबाज खान नाराज होकर नहीं निकले। उन्हें जिन लोगों को अवार्ड देना था, देकर निकले। हंगामा के बाद दस मिनट तक रहे। इसके बाद वे अपने लाव-लश्कर के साथ निकले। जहां तक निर्देशक लाल विजय का सवाल है, वह ज्यूरी के निर्णय से असहमत थे। उन्हें लगा था कि उन्हें बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड मिलेगा। जबकि उनकी दो फिल्मों के कलाकारों को अवार्ड प्रदान किया गया।
न कोई ज्यूरी न कोई देखने वाला गया : बिहार से आए फिल्म निर्देशक धर्मवीर भारती ने भी जीफा अध्यक्ष पर मनमानी का आरोप लगाया। कहा, अपनी दो फिल्म कफन : द लास्ट वेल डॉक्यूमेंट्री फिल्म और शॉर्ट फिक्शन फिल्म 1 अप्रैल : अल्कोहल फ्रीडम डे आफ बिहार सबमिट किया था। फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों की सूची में दोनों फिल्में शामिल थीं। फेस्टिवल के दूसरे दिन मेरी फिल्म प्रदर्शन के समय से करीब डेढ़ घटे के विलंब से गिने चुने दर्शकों को दिखाई गई। दोनों फिल्मों का प्रदर्शन लैपटॉप में बिना कॉपी किए ही पेनड्राइव से डायरेक्ट हुआ। प्रदर्शन के बाद पेनड्राइव लौटा दिया गया। फिल्म प्रदर्शन के समय ज्यूरी टीम का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। ये फिल्में लगातार सात अवार्ड जीत चुकी हैं, लेकिन यहां किसी श्रेणी में चयनित नहीं की गई। धर्मवीर ने कहा कि जब ज्यूरी ने फिल्म देखी नहीं तो किस आधार पर फिल्मों को यहां पुरस्कृत किया गया।