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बीएयू के सैकड़ों छात्र व्यवसायिक मशरूम उद्यमिता का सीखेंगे गुर Ranchi News

Jharkhand News बिरसा कृषि विवि के डीन एग्रीकल्चर डा एमएस यादव के निर्देश पर विवि के अधीन चार एग्रीकल्चर कालेज के छात्रों को आनलाइन व्यावहारिक प्रशिक्षण(ईएलपी) के तहत घरों में व्यावसायिक मशरूम उद्यम प्रोजेक्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 07:29 AM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 07:29 AM (IST)
बीएयू के सैकड़ों छात्र व्यवसायिक मशरूम उद्यमिता का सीखेंगे गुर Ranchi News
बीएयू के सैकड़ों छात्र व्यवसायिक मशरूम उद्यमिता का सीखेंगे गुर। जागरण

जासं, रांची I बिरसा कृषि विवि के डीन एग्रीकल्चर डा एमएस यादव के निर्देश पर विवि के अधीन चार एग्रीकल्चर कालेज के छात्रों को आनलाइन व्यावहारिक प्रशिक्षण(ईएलपी) के तहत घरों में व्यावसायिक मशरूम उद्यम प्रोजेक्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डा एमएस यादव ने बताया कि कोविड-19 दिशा- निर्देश के आधार पर सभी एग्रीकल्चर कॉलेज के 204 छात्र – छात्राएं ईएलपी गतिविधियों को अपने घरों में ही पूरा करेंगे। इस टास्क को पूरा करने पर ही छात्रों को एग्रीकल्चर ग्रेजुएट की डिग्री प्रदान किया जायेगा। सभी छात्र–छात्राओं को वर्चुअल माध्यम से मशरूम उत्पादन की प्रौद्योगिकी की बारीकियों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रोग्राम के प्रबंध निदेशक डा नरेंद्र कुदादा व प्रबंधक डा एचसी लाल छात्रों को प्रशिक्षित कर रहे है।

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ईएलपी पाठ्यक्रम में सभी छात्रों को कोविड – 19 के निर्देशों का पालन करते हुए अपने घरों में खाद्य प्रसंस्करण व सुरक्षा मानक के तहत आम आचार तथा मशरूम उत्पादन प्रौद्योगिकी सबंधी दो उद्यमों पर कार्य करने को कहा गया है। आम आचार उद्यम का कार्य छात्रों ने पूरा कर लिया है। मशरूम उद्यम की शुरूआत के लिए बीएयू की मशरूम उत्पादन इकाई के फील्ड ओवरसियर मुनि प्रसाद द्वारा विभिन्न माध्यमों से छात्रों को 300 ग्राम के दो पैकेट में मशरूम बीज (स्पांन) उपलब्ध कराया जा रहा। इस स्पांन से छात्र ग्रीष्मकालीन सफ़ेद दूधिया मशरूम का उत्पादन करेंगे।

छात्रों को प्रोजेक्ट मोड में दोनों उद्यमों का व्यावहारिक ज्ञान एवं व्यावसायिक कौशल, बिज़नस प्लान, उत्पाद निष्पादन, विपणन, लेखा एवं प्रबंधन कौशल का बैंकिंग प्रोजेक्ट एवं ईएलपी रिपोर्ट सबंधित कॉलेज में जमा करनी होगी।

दूधिया सफ़ेद मशरूम के गुण

बीएयू मशरूम उत्पादन इकाई के प्रभारी डॉ नरेंद्र कुदादा ने बताया कि बड़े आकार के ग्रीष्मकालीन सफ़ेद दूधिया मशरूम को दूध छत्ता भी कहा जाता है। यह विटामिन-सी एवं विटामिन-बी काम्प्लेक्स का मुख्य श्रोत है। इसके सूखे खूम्भी में पोषक तत्वों में 17.69 प्रतिशत प्रोटीन, 4.1 प्रतिशत वसा, 64.26 प्रतिशत कार्बोहाईड्रेट, 3.4 प्रतिशत रेशे एवं लवण, पोटैशियम, फ़ास्फ़ोरस, कैल्शियम तथा मैग्नीशियम आदि मुख्य रूप से पाये जाते है। पूरी दुनिया में मशरूम की हाल के दिनों में मांग सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ी है।


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