कोरोना की जांच में मददगार है एचआर सीटी स्कैन, संक्रमण के स्तर का चलता है पता Koderma News
Jharkhand News लंग्स इन्फेक्शन में सीटी स्कैन प्रभावी है। डॉक्टर भी इसकी सलाह दे रहे हैं। हेल्थमैप के कलस्टर हेड भूषण कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने कोविड 19 की एचआर सीटी स्कैन के लिए न्यूनतम राशि 2500 रुपये तय किया है।
कोडरमा, जासं। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस बार यह वायरस अधिकतर संक्रमित मरीजों के फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है। कोरोना से होने वाली ज्यादातर मौत की वजह फेफड़ा खराब होना ही जाना जा रहा है। वहीं कोरोना के लक्षण के बाद भी कुछ लोगों की ट्रूनेट व एंटीजन जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। ऐसे में डॉक्टर ट्रूनेट, एंटीजन और आरटी पीसीआर जांच के साथ एचआर (हाई रिजोल्यूशन) सीटी स्कैन का सहारा ले रहे हैं। कोरोना संक्रमण से शरीर में ऑक्सीजन ग्रहण करने वाली थैलियों में सूजन आ जाता है और उनमें कफ जम जाता है।
इसके कारण संक्रमितों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। सदर अस्पताल में हेल्थमैप डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड गरीब परिवारों को सीटी स्कैन की सुविधा मुफ्त उपलब्ध करा रहा है। वहीं अन्य लोगों से सरकारी दर से भी कम पैसा लिया जा रहा है। हेल्थमैप के कलस्टर हेड भूषण कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने कोविड 19 की एचआर सीटी स्कैन के लिए न्यूनतम राशि 2500 रुपये तय की है। वहीं उनके यहां केवल सामान्य मरीजों से 1700 रुपये लिए जा रहे हैं। बीपीएल परिवारों के लिए यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क है।
सीटी स्कैन से संक्रमण के स्तर का चलता है पता : सीएस
सिविल सर्जन डॉ. अभय भूषण प्रसाद ने बताया कि जिन मरीजों को सांस लेने में तकलीफ है, सीटी स्कैन उनके लिए बेहद प्रभावी है। इससे लंग्स में संक्रमण की वास्तविक स्थिति का पता चलता है।
क्या है एचआर सीटी स्कैन
एचआर सीटी स्कैन मरीज की छाती के अंदर कोरोना संक्रमण की 3-डी तस्वीर देता है। एक्स-रे में जिन चीजों पर नजर नहीं जाती, वह इससे देखा जा सकता है। अगर मरीज को खांसी, सांस लेने में तकलीफ है और ऑक्सीजन का स्तर नीचे जा रहा है तो एचआर सीटी स्कैन बेहतर टेस्ट है। यह टेस्ट रोग की तीव्रता दिखा सकता है।