धनबाद से मुगलसराय तक सरपट दौड़ेंगी ट्रेनें, 12 घंटे में हावड़ा से नई दिल्ली का सफर; जानें रेलवे की योजना
Latest Indian Railway News वर्तमान में हावड़ा से नई दिल्ली के सफर में 18 घंटे लगते हैं। अब 160 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। बजट में मिले 200 करोड़ रुपये से ट्रैक के दोनों ओर 400 किमी फेंसिंग की जाएगी।
झुमरीतिलैया (कोडरमा), [अरविंद चौधरी]। हावड़ा-नई दिल्ली के बीच ट्रेनों की गतिसीमा बढ़ाने की दिशा में कार्य तेजी से चल रहा है। इस कड़ी में रेलपथ पर कई बदलाव किए जा रहे हैं। रेलपथ को दुरुस्त करने के साथ-साथ ट्रेनों की गति सीमा बढ़ाने के लिए इसे सुरक्षित करने की भी तैयारी की जा रही है। इसके लिए धनबाद से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक रेल ट्रैक की घेराबंदी (फेंसिंग) की जाएगी। कहीं-कहीं पर दीवार तो कहीं पर पिलर व तार की मजबूत घेराबंदी की जाएगी।
गति सीमा बढ़ाने के बाद हावड़ा-नई दिल्ली के बीच ट्रेनें 160 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेंगी। धनबाद रेल मंडल को इस बजट में ट्रैक दुरुस्त करने व फेंसिंग के कार्य के लिए 200 करोड़ रुपये मिले हैं। पूर्व में इस रूट पर ट्रेनें अधिकतम 110 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार चलती थी। इसे कुछ माह पूर्व बढ़ाकर 130 किमी प्रतिघंटे किया गया है। रेलवे की योजना वर्ष 2023 तक हावड़ा से नई दिल्ली का सफर 12 घंटे में पूरा कराने की है। वर्तमान में करीब 18 घंटे लगते हैं।
बाधा मुक्त ट्रैक जरूरी
धनबाद कोडरमा गया हावड़ा-नई दिल्ली के बीच 160 की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए ट्रैक, सिग्नल समेत अन्य बदलाव किए जा रहे हैं। इसके लिए जहां एलएचबी कोच वाली रैक का इस्तेमाल होगा, वहीं ट्रैक की सुरक्षा के लिए जगह-जगह फेंसिंग की जाएगी। साथ ही रेलवे की कब्जे वाली भूमि को भी खाली कराया जाएगा। तेज गति वाली ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के लिए रेल लाइन का सुरक्षित होना जरूरी है। इससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी। उपलब्धता के अनुसार ट्रेनों को एक-एक कर एलएचबी रैक में बदला जाएगा। साथ ही धनबाद डिवीजन में प्रधानखंता से मानपुर तक 40 रेल फाटकों को बंद कर रेल ओवरब्रिज और सब-वे का निर्माण होगा।
आधुनिकीकरण के तहत चल रहे कई कार्य
रेलवे के आधुनिकीकरण के तहत धनबाद रेल मंडल में नई लाइन बिछाने, ओवरब्रिज और सबवे निर्माण, फुटओवर ब्रिज का निर्माण, रेल लाइन दोहरीकरण समेत कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक, हाजीपुर ललित चंद्र त्रिवेदी ने डीआरएम आशीष बंसल से पिछले दिनों इस संबंध में वर्क परफॉरमेंस रिपोर्ट भी मांगी थी।
'रेल ट्रैक की फेंसिंग के लिए पहले सर्वे का कार्य होगा। सर्वे के अनुसार आवश्यक कार्य किए जाएंगे। इसमें कहीं-कहीं दीवार खड़ी की जाएगी, कहीं फेंसिंग के दूसरे तरीके अपनाए जाएंगे। इसकी ऊंचाई भी आवश्यकतानुसार होगी।' -राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेलवे।