E-Pass ई-पास के नियम फिर बदले, अब सरकार को चाहिए OTP; देखें आसान तरीका @ epassjharkhand.nic.in
E Pass Jharkhand epassjharkhand.nic.in झारखंड सरकार ने ई-पास जारी करने के नियम में फिर से संशोधन किया है। अब ऑनलाइन आवेदन करने वालों को ई-पास लेने के लिए मोबाइल पर भेजे गए ओटीपी को भरकर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। E Pass Jharkhand @ epassjharkhand.nic.in झारखंड सरकार ने एक बार फिर से ई-पास बनाने के नियम बदले हैं। अब बिना ओटीपी, मोबाइल वेरीफिकेशन के पास बनवाना आसान नहीं होगा। कहा जा रहा है कि ई-पास बनाने में प्रक्रिया इतनी आसान हो गई कि पास बनवाने वाले लोगों ने गाड़ी का नंबर, पता आदि का सही विवरण दिए बिना ही पास बनवा लिए। हालांकि, जब तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार सख्त होती तबतक 20 लाख से अधिक ई-पास बनकर तैयार हो चुके हैं।
इंटर स्टेट, इंटर डिस्ट्रिक्ट और दूसरे राज्य से आने के लिए मोबाइल वेरीफिकेशन जरूरी
अब राज्य सरकार ने पास बनने के लिए निर्धारित श्रेणियों में से तीन के लिए ई-पास बनने के पूर्व निबंधित मोबाइल पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आने की व्यवस्था लागू कर दी है। मतलब यह कि इंटर स्टेट, इंटर डिस्ट्रिक्ट और दूसरे राज्य से आने के लिए ई-पास बनने से पहले यात्री के निबंधित मोबाइल पर ओटीपी आएगी और ओटीपी सही तरीके से ऑनलाइन आवेदन में डालने के बाद ई-पास स्वत: बनकर मिल जाएगा।
जिले में आने-जाने के लिए अभी भी ओटीपी की जरूरत नहीं होगी
जिले के अंदर ही मूवमेंट के लिए इसकी अनिवार्यता नहीं रखी गई है। हालांकि गौर करने लायक बात यह है कि सर्वाधिक ई-पास जिले के अंदर मूवमेंट के लिए ही बन रहे हैं। 22 मई के आंकड़ों को देखें तो 20 लाख ई-पास में से 14.53 लाख ऐसे ई-पास हैं जो जिले की सीमाओं के अंदर ही आने-जाने के लिए बनाए गए हैं। इंटर-स्टेट मुवमेंट के लिए 1.05 लाख ई-पास, 5.36 लाख ई-पास एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए बनवाए गए हैं। विभिन्न स्तरों पर शिकायतों के बाद परिवहन विभाग ने ई-पास बनवाने पर थोड़ी सख्ती बरती है लेकिन जिस श्रेणी में सबसे अधिक ई-पास बन रहे थे उस श्रेणी को अभी भी ओटीपी की व्यवस्था से मुक्त रखा गया है।
इससे पहले ई-पास में मोबाइल वेरिफिकेशन की व्यवस्था नहीं थी। जिसके चलते ई-पास में धांधली और फर्जीवाड़ा की शिकायत मिल रही थी। ई-पास जारी करने की व्यवस्था ऑटोमेटेड होने के कारण कुछ दिन पहले ही मनमाने तरीके से 1234567890 सरीखा मोबाइल नंबर भरकर बाबा का ढाबा और कभी खुशी कभी गम जैसी बेतुकी जगहों के लिए ई-पास निर्गत करा लिया गया था। तब ई-पास के मजाक बन जाने पर सरकार की काफी किरकिरी हुई थी।