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हो समाज की राज्‍यपाल से गुहार, जमीन की खरीद-बिक्री में राजस्व थाना बने आधार Ranchi News

Jharkhand. हो समाज के बुद्धिजीवियों ने मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात की और उनके समक्ष अपनी मांगें रखी। लोगों ने राशन दुकानों में शराब की बिक्री का विरोध किया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 07:28 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 07:28 PM (IST)
हो समाज की राज्‍यपाल से गुहार, जमीन की खरीद-बिक्री में राजस्व थाना बने आधार Ranchi News
हो समाज की राज्‍यपाल से गुहार, जमीन की खरीद-बिक्री में राजस्व थाना बने आधार Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मुंडा समाज के बुद्धिजीवियों के बाद मंगलवार को हो जनजातीय समाज के बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की। इस क्रम में इस समाज के बुद्धिजीवियों ने जमीन की खरीद-बिक्री में सामान्य थाना के बजाए राजस्व थाना को आधार बनाने की मांग की। इस मौके पर बुद्धिजीवियों ने राशन दुकानों में शराब की बिक्री तथा हडिय़ा के बाजारीकरण का विरोध किया।

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हो समाज के बुद्धिजीवियों ने कहा कि कोल्हान में पूर्व में एक ही राजस्व थाना था। इसलिए भूमि की खरीद-बिक्री में राजस्व थाना क्षेत्र आधार में होनी चाहिए न कि सामान्य थाना। राज्यपाल ने बैठक में विभिन्न विकास व जन कल्याण की विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक होने तथा उनका लाभ निचले स्तर पर पहुंचाने में मदद का आह्वान बुद्धिजीवियों से किया।

कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी योजना के लिए अर्हता रखता है और वह उसका लाभ नहीं उठा पा रह है तो बुद्धिजीवियों का दायित्व है कि वे लोगों को उनके अधिकारों से अवगत कराएं और योजनाओं का लाभ दिलाएं। राज्यपाल ने आदिवासी युवकों को व्यापार क्षेत्र में आने तथा कौशल विकास योजना का लाभ उठाकर हुनरमंद बनाने पर भी जोर दिया ताकि वे रोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर हो सकें।

राज्यपाल ने कुपोषण को लेकर जताई चिंता

राज्यपाल ने बैठक में कोल्हान क्षेत्र में व्याप्त कुपोषण की समस्या पर चिंता जताई। कहा कि लोग पारंपरिक भोजन जैसे साक-सब्जी के सेवन के महत्व को समझें और इसे अपनी बाड़ी में उपजाएं। साक-सब्जी के अधिक से अधिक इस्तेमाल भोजन में करने से कुपोषण की समस्या दूर हो सकती है।

हो समाज के बुद्धिजीवियों ने ये मांगें भी रखीं

  • कोल्हान अधीक्षक के पद को प्रभावी किया जाए।
  • मंगला हाट को पुराने स्वरूप में रहने दिया जाए।
  • शहीद स्थलों का विकास होना चाहिए।
  • सभी विश्वविद्यालयों में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग का गठन हो।
  • रांची-चाईबासा सड़क की स्थिति खराब है। इसमें सुधार हो।
  • स्कूलों में हो भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति हो ताकि बच्चे इस भाषा को समझ सकें।

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