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इतिहास बनकर रह जाएगा खलारी सीमेंट कारखाना

खलारी जिस खलारी की पहचान कभी यहा के सीमेंट कारखाने से थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 06:50 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 06:50 AM (IST)
इतिहास बनकर रह जाएगा खलारी सीमेंट कारखाना
इतिहास बनकर रह जाएगा खलारी सीमेंट कारखाना

धीरेंद्र प्रसाद, खलारी।

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खलारी : जिस खलारी की पहचान कभी यहा के सीमेंट कारखाने से थी, उस कारखाने की मशीनें आज बंद पड़ी है। पिछले 13 महीने से इस कारखाना में सीमेंट का उत्पादन बंद है। हाल यही रहा तो खलारी सीमेंट कारखाना इतिहास बनकर रह जाएगा। वर्ष 1938 में एसीसी ने खलारी में सीमेंट कारखाना लगाया था। तब यह भारतीय सीमेंट उद्योग सहित एसीसी लिमिटेड के लिए मील का पत्थर था। करीब 51 साल तक इस कारखाना से सीमेंट उत्पादन करने के बाद एसीसी ने खलारी सहित देश के अन्य चार कारखानों को वर्ष 1989 में बेच दिया। व्यवस्थित और सुविधाओं से लैस एसीसी कॉलोनी की नब्बे के दशक तक ऐसी रौनक थी कि लोग देखने और घूमने आते थे। एसीसी द्वारा कारखाना बेच दिए जाने के बाद से सीमेंट कारखाना सहित एसीसी कॉलोनी की हालत दिनोदिन बदतर होती गई। 1.10 करोड़ रुपये है बिजली का बकाया

बिजली बिल बकाया होने के कारण इसी वर्ष एक मार्च से राज्य उर्जा विकास निगम लिमिटेड ने कारखाने की बिजली काट दी गई है। सरकार का 1.10 करोड़ रुपये बिजली बिल बकाया है। अक्टूबर 2020 से ही सीमेंट का उत्पादन बंद है। कभी इस कारखाना में चूना पत्थर से क्लींकर तैयार होता था जो सीमेंट का आवश्यक घटक होता है। परंतु बाद में छत्तीसगढ़ से क्लींकर मंगाया जाने लगा। इसके अलावा अन्य घटकों में ओडिशा से जिप्सम और स्टील प्लाट से स्लैग मंगाया जाता था। क्लींकर बनाने वाला क्लिन स्क्रैप कर दिया गया। बड़ी कंपनियों के आने से प्रभावित हुई मार्केटिंग

सीमेंट उद्योग में बड़ी कंपनियों के आने से खराब हो गई। कई दूसरी कंपनियों के सीमेंट, खलारी सीमेंट की अपेक्षा सस्ती दर में बाजार में आ गए। जिससे खलारी सीमेंट की माग निरंतर कम होती गई। एसीसी के समय कारखाना की क्षमता नौ हजार टन सीमेंट प्रतिमाह थी। बाद में नया सीमेंट मिल लगाया गया और उत्पादन क्षमता 14 हजार टन तक पहुंच गया। खलारी कारखाना को ठीक से चलाया जाय तो प्रतिमाह 20 हजार टन सीमेंट तक उत्पादन हो सकता है। जिस कारखाना में कभी दो हजार कामगार हुआ करते थे वहा आज मात्र 12 कामगार बचे हैं। वर्तमान कारखाना प्रबंधक की नीयत अब इस कारखाना को चलाने की नहीं लगती है। एक साल से अधिक समय से सीमेंट उत्पादन ठप है और प्रबंधन कारखाना परिसर को सीमेंट डंप यार्ड के रूप में इस्तेमाल कर रुपये कमा रही है।


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