Hindu Samrajya Diwas: भारत में शिवाजी ने की थी हिंदवी स्वराज की स्थापना
Hindu Samrajya Diwas झारखंड के प्रांत प्रचारक रविशंकर ने स्वयंसेवकों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है।
रांची, जासं। कोविड-19 महामारी के कारण इस बार पूरे देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों ने हिंदू साम्राज्य दिवस अपने-अपने घरों में मनाया। इस मौके पर बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। वहीं, परिवार के साथ स्वयंसेवकों ने आरएसएस के पदाधिकारियों के विचार सुने और सामूहिक प्रार्थना की। इस अवसर पर झारखंड के प्रांत प्रचारक रविशंकर ने स्वयंसेवकों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है।
देश में राजा तो बहुत हुए, परंतु आरएसएस ने शिवाजी के राज्याभिषेक को ही अपने छह उत्सवों में शामिल किया है। कहा, कैसे उन्होंने विषम परिस्थितियों में अपने इलाकों को मुगलों से मुक्त कराकर भारत में हिंदवी स्वराज की स्थापना की थी। उन्होंने कभी मुगलों की चाकरी नहीं की। 1674 में ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी के दिन रायगढ़ के किले में उनका राज्याभिषेक हुआ। उस दिन को ही हमलोग हिंदू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाते हैं।
वह गुरुवार को वीएसकेझारखंड के फेसबुक लाइव पर संबोधित कर रहे थे। रविशंकर ने कहा कि शिवाजी महाराज का जन्म उस समय हुआ था, जब यहां के कुछ राजा व सरकार विदेशी सत्ता की चाकरी करते थे। यहां तक कि अपने विरोधियों के विरुद्ध युद्ध करने के लिए विदेश सत्ता से सहयोग लेते थे। माता जीजाबाई ने शिवाजी का ऐसा पालन पोषण किया कि देश के दुश्मन उन्हेंं देखकर दांतों तले अंगुली दवा लेते थे। शिवाजी एक ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हर प्रकार से खुद को योग्य बनाया। उनकी नीति थी - जैसे को तैसा। आज भी हम माताओं को जीजाबाई की तरह बनने का उदाहरण देते हैं। तानाजी को याद करते हैं।
मुगलों से मंदिरों को कराया मुक्त
रविशंकर ने कहा कि शिवाजी महाराज ने मुगलों से मंदिरों को मुक्त कराया। वे सामाजिक समरसता के प्रतीक थे। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने छोटे-छोटे रोजगार के आयाम खोला। उन्होंने सती प्रथा का विरोध किया। यहां तक कि उनके पिता के निधन के बाद उनकी चिता में अपनी मां को जलने नहीं दिया। इस कारण समाज में उनका विरोध किया गया, लेकिन वे विरोध सहते रहे और इस कुरीति को नष्ट कर दिया। उन्होंने गोहत्या को बंद कराया। ध्वस्त हुए मंदिरों का निर्माण कराया। उनका संपूर्ण जीवन हिंदू समाज और भारत माता को समॢपत था।