सड़क के नीचे लगी आग के मामले में सिंफर से मांगी रिपोर्ट
रांची झारखंड हाई कोर्ट में धनबाद के राजगंज से महुदा मोड़ होते हुए चास तक बनने वाले एनएच-32 के अंर लगी आग को लेकर सिंफर से रिपोर्ट मांगी है।
रांची : झारखंड हाई कोर्ट में धनबाद के राजगंज से महुदा मोड़ होते हुए चास तक बनने वाले एनएच-32 के मामले में शनिवार को सुनवाई हुई। एक्टिंग चीफ जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खडपीठ ने इस मामले में सिंफर (केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान) से रिपोर्ट मांगी है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
दरअसल, विजय कुमार ने एनएच-32 के निर्माण को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) द्वारा महुदा मोड़ के पास नया बाईपास रोड प्रस्तावित है। जबकि, इसके नीचे स्थित कोयले में आग लगी हुई है। अगर सड़क का निर्माण किया गया, तो वह कभी भी धंस सकती है और भारी जानमाल का नुकसान होगा। एक्सपर्ट कमेटी ने भी बाईपास के नीचे भूमिगत आग होने की पुष्टि की है।
सुनवाई के दौरान एनएचएआइ की ओर से बताया गया कि महुदा मोड़ के पास प्रस्तावित बाईपास रोड के निर्माण को स्थगित कर दिया गया है। अब पहले से बनी सड़क का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण किया जा रहा है। इस पर वादी की ओर से कहा गया कि एनएच-32 के करीब 1.3 किमी सड़क भूमिगत आग (फायर जोन) में आती है। इस पर एनएचएआइ की ओर से अदालत को बताया गया कि सड़क का कुछ भाग ही फायर जोन में है। एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उक्त जगह पर भूमि के 25 मीटर नीचे कोयले की एक पंट्टी गुजरी है, जिसके चलते सड़क को कोई खतरा नहीं है। दरअसल, पूर्व में भूमिगत आग की जांच को लेकर एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया था। इसमें एनएचएआइ, बीसीसीएल और डीजीएमएस के अधिकारियों को शामिल किया गया था। एनएचएआइ की ओर बताया गया कि एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को सिंफर भेजा गया है, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई प्रतिवेदन नहीं मिला है। इस पर अदालत ने सिंफर की रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया।
अधिवक्ता के निधन पर फुलकोर्ट रेफरेंस