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HC News : फारेस्ट गार्ड नियुक्ति में माडल उत्तर गलत होने का दावा करने वाली याचिका खारिज, देखें...कोर्ट से जुड़ी खबरें

Jharkhand High Court News झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस डा. एसएन पाठक की अदालत में फारेस्ट गार्ड नियुक्ति (Forest Guard Recruitment) में माडल उत्तर गलत होने का दावा करते हुए दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 08:42 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 12:05 PM (IST)
HC News : फारेस्ट गार्ड नियुक्ति में माडल उत्तर गलत होने का दावा करने वाली याचिका खारिज, देखें...कोर्ट से जुड़ी खबरें
HC News : फारेस्ट गार्ड नियुक्ति में माडल उत्तर गलत होने का दावा करने वाली याचिका खारिज

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court News : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस डा. एसएन पाठक की अदालत में फारेस्ट गार्ड नियुक्ति (Forest Guard Recruitment) में माडल उत्तर गलत होने का दावा करते हुए दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जेएसएससी (JSSC) के जवाब को देखते हुए अदालत (Court) ने प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दी। इस संबंध में रोहित कुमार की ओर से हाई कोर्ट (High Court) में याचिका दाखिल की गई थी।

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संशोधित परिणाम किया जाए जारी

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि जेएसएससी की ओर से वर्ष 2014 में फारेस्ट गार्ड की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। परीक्षा में कई माडल उत्तर गलत थे। इसलिए परीक्षा का परिणाम रद करते हुए दोबारा संशोधित परिणाम जारी किया जाए। इस पर जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह की ओर से अदालत को बताया गया कि नियमानुसार परीक्षा होने के बाद माडल उत्तर जारी कर आपत्ति मांगी जाती है। सारी आपत्ति को एक्सपर्ट कमेटी के पास भेजा जाता है। कमेटी की ओर से समीक्षा के बाद अंतिम माडल उत्तर जारी कर दिया जाता है। इसी आधार पर फिर परिणाम जारी किया जाता है।

अब सुनवाई का कोई औचित्य नहीं

कहा गया कि अगर इस दौरान एक-दो माडल उत्तर गलत भी होते हैं, तो यह सभी के लिए समान होता है। ऐसे में परिणाम को निरस्त नहीं किया जा सकता है। वहीं, इस मामले में वर्ष 2018 में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसलिए इस याचिका पर अब सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है।

रूपा तिर्की मौत मामले में कथित प्रेमी दारोगा को मिली जमानत

साहिबगंज की थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत मामले में कथित प्रेमी दारोगा शिव कुमार कनौजिया को हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। जस्टिस अंबुज नाथ की अदालत ने शिव कुमार की याचिका को मंजूर करते हुए जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है। अदालत ने उन्हें 25- 25 हजार के दो निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है। साहिबगंज की महिला थानेदार रही रूपा तिर्की की मौत मामले में साहिबगंज पुलिस ने 2018 बैच के दारोगा शिव कनौजिया को नौ मई 2021 गिरफ्तार किया था।

आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप

सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने अदालत को बताया कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है। रूपा तिर्की के माता-पिता के बयान पर उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में पुलिस की ओर से चार्जशीट दाखिल की गई है। जबकि, इस मामले की जांच सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया। लेकिन उनकी ओर से अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं किया गया है। इस पर सीबीआइ की ओर से कहा गया कि इस मामले में हत्या की धारा 302 जोड़े जाने पर विचार किया जा रहा है और इसी एंगल से सीबीआइ जांच भी कर रही है। इसके बाद अदालत ने शिव कुमार कनौजिया को जमानत प्रदान कर दी।

जांच रिपोर्ट में हुआ पर्दाफाश

बता दें कि इस मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट में पर्दाफाश हुआ है कि रूपा तिर्की का केस हत्या का नहीं, बल्कि आत्महत्या का है। वहीं, रूपा तिर्की के स्वजनों का आरोप था कि शिव कनौजिया ने ही आत्महत्या के लिए उकसाया है। शिव और रूपा के बीच दोस्ती थी। मोबाइल पर दोनों के बीच अक्सर बातें होती थी।


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