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पहले संवेदक को दी अधिक राशि, अब कह रहे करेंगे समायोजित

झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन के निर्माण पर विवाद बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 06:30 AM (IST)
पहले संवेदक को दी अधिक राशि, अब कह रहे करेंगे समायोजित
पहले संवेदक को दी अधिक राशि, अब कह रहे करेंगे समायोजित

रांची, मनोज कुमार सिंह। झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन के निर्माण पर विवाद बढ़ता जा रहा है। भवन बनाने वाली कंपनी रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. को एग्रीमेंट राशि से ज्यादा राशि का भुगतान कर दिया गया है। भवन निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख की ओर से दाखिल शपथ पत्र में यह जानकारी दी गई है।

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शपथ पत्र में कहा गया है कि 18 जून 2015 को रामकृपाल सिंह की कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. के साथ एग्रीमेंट साइन किया गया। कंपनी को 264.58 करोड़ रुपये में हाई कोर्ट के भवन निर्माण का कार्य आवंटित कर दिया गया। इसके बाद कार्य प्रारंभ कर दिया गया।

267 करोड़ का किया भुगतान

शपथ पत्र में कहा गया है कि नए भवन का निर्माण करने वाली कंपनी को अब तक करीब 267 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। जबकि 264.58 करोड़ रुपये का एग्रीमेंट साइन किया गया था। सबसे मजेदार बात यह है कि इसी शपथ पत्र में कहा गया है कि कंपनी को दी गई अधिक राशि को भविष्य में समायोजित कर दिया जाएगा।

जानकार बताते हैं कि एग्रीमेंट से ज्यादा की राशि का भुगतान नहीं किया जा सकता है। ऐसा करना नियम विरुद्ध है। साथ ही भविष्य में राशि समायोजित करने का कोई प्रावधान नहीं है। फिलहाल सरकार की जांच कमेटी ने भी बिना टेंडर के कई काम कराने की गड़बड़ी पकड़ी है। जिसका बजट बढ़कर 697.32 करोड़ रुपये हो गई है।

हाई कोर्ट भवन का निर्माण करने वाली कंपनी पहुंची हाई कोर्ट

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन निर्माण में हुई गड़बड़ी मामले में हस्तक्षेप याचिका (आइए) दाखिल की गई है। हाई कोर्ट के नए भवन का निर्माण का कार्य करने वाली कंपनी रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. के निदेशक रंजन कुमार सिंह की ओर से आइए दायर की गई है। जिसमें इस मामले में उनका भी पक्ष सुने जाने की मांग की गई है।

बता दें कि हाई कोर्ट के नए भवन निर्माण में बिना टेंडर के कई काम करने के मामले को लेकर अधिवक्ता राजीव कुमार व राजेश्वर पांडेय ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। दोनों की ओर से मामले की जांच की मांग की गई है।


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