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हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार से पूछा क्यों नहीं बनाया पुलिस शिकायत प्राधिकार

झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में पुलिस शिकायत प्राधिकार का गठन नहीं होने पर हाईकोर्ट ने सरकार से जबाव तलब किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 05:15 AM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 05:15 AM (IST)
हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार से पूछा क्यों नहीं बनाया पुलिस शिकायत प्राधिकार
हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार से पूछा क्यों नहीं बनाया पुलिस शिकायत प्राधिकार

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में पुलिस शिकायत प्राधिकार का गठन नहीं होने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा है कि केंद्र सरकार के आदेश बाद अब तक पुलिस शिकायत प्राधिकार क्यों नहीं बनाया गया है। अधिवक्ता सुनील उरांव की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की अदालत ने उक्त निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

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सुनील उरांव की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2006 में सभी राज्यों को पुलिस शिकायत प्राधिकार का गठन करने का आदेश दिया है। यह प्राधिकार राज्य एवं जिला स्तरीय होगा, लेकिन झारखंड में अभी तक किसी भी जिले में इसका गठन नहीं किया गया है।

सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में सरकार ने राज्यस्तरीय एक प्राधिकार तो बनाया है, लेकिन यहां पुलिस के खिलाफ पुलिसकर्मियों के ही शिकायत करने का प्रावधान किया गया है। जिसपर अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ आम लोगों को शिकायत करने और इन शिकायतों को दूर करने के लिए प्राधिकार बनाने का निर्देश दिया है। जिसपर सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई।

रांची में सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण की मांगी स्टेट्स रिपोर्ट

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की अदालत में राची में सीवरेज- ड्रेनेज सिस्टम के धीमी प्रगति को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने नगर निगम व सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने नगर निगम से पूछा है कि पहले चरण के काम की वर्तमान स्थिति क्या है। काम पूरा करने की तय समय सीमा क्या है।

वहीं, राज्य सरकार से पूछा है कि रांची में दूसरे, तीसरे व चौथे चरण में निर्माण होने वाले सीवरेज-ड्रेनेज के लिए टेंडर कर दिया गया है क्या? इसकी पूरी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से बताया गया कि राची में सीवरेज- ड्रेनज सिस्टम का काम चार चरणों में किया जाना है। अभी सिर्फ पहले चरण का काम ही शुरू किया गया है। इस चरण में 130 किमी की योजना पूरी हुई है।

अदालत को बताया गया कि दूसरे, तीसरे और चौथे चरण का काम नगर विकास विभाग को करना है। अदालत ने सरकार से अद्यतन जानकारी देने का निर्देश दिया।

इस संबंध में अरविंदर सिंह देओल ने जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया गया है कि राची में सीवरेज-ड्रेनज निर्माण का काम काफी धीरे चल रहा है। समय पर काम नहीं होने की वजह से लागत बढ़ रही है।


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