6th JPSC Result 2020: छठी जेपीएससी के रिजल्ट को चुनौती, सरकार व जेपीएससी से मांगा जवाब
Jharkhand News. बता दें कि अभिषेक मनीष सिन्हा ने जेपीएससी द्वारा जारी मेरिट लिस्ट को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में छठी जेपीएससी परीक्षा के अंतिम परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) और सरकार से दस जून तक प्रार्थी की ओर से उठाए गए बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, अभिषेक मनीष सिन्हा ने जेपीएससी द्वारा जारी मेरिट लिस्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मनोज टंडन व नेहा भारद्वाज ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने रिजल्ट जारी करने में कई गड़बडिय़ां की हैं। जेपीएससी ने कट ऑफ माक्र्स 600 निर्धारित किया है, जबकि प्रार्थी को कुल 601 अंक मिले हैं। तब भी उनका चयन नहीं हुआ है।
विज्ञापन की शर्त में कहा गया था कि हिंदी और अंग्रेजी (पेपर 1) में सिर्फ क्वालीफाइंग माक्र्स रहेगा और इसका अंक परिणाम में नहीं जोड़ा जाएगा। लेकिन, परिणाम जारी करने में इसे भी शामिल कर लिया गया है। हर बार अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग कट ऑफ मार्क्स रखा जाता था, लेकिन इस बार सभी पदों के लिए एक ही कट ऑफ मार्क्स रखा गया है, जो कि गलत है। इसलिए जारी किए गए अंतिम परिणाम पर रोक लगा देनी चाहिए। इस पर अदालत ने रोक लगाने से इन्कार कर दिया।
वहीं, जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने कहा कि रिजल्ट जारी करने के दौरान प्रार्थी की बारी आते-आते सिर्फ योजना सेवा में चयन बचा था, लेकिन प्रार्थी के इस विभाग के लिए अर्हता पूरी नहीं करने की वजह से उनका चयन नहीं किया गया। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि रिजल्ट जारी करने के बाद आयोग ने अभी सफल उम्मीदवारों की सिफारिश सरकार को नहीं भेजी है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि जेपीएससी की ओर से कोई भी आदेश जारी करने से पहले प्रार्थी के लाभ (इंट्रेस्ट) को भी ध्यान में रखा जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सरकार और जेपीएससी को प्रार्थी की आपत्ति पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 10 जून को होगी।