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विज्ञान की बारीकियां बताने यहां बाइक पर दौड़ती है प्रयोगशाला, बच्चों में पढ़ाई के प्रति बढ़ी रुचि Giridih News

Jharkhand Giridih News प्रशिक्षित युवक बाइक पर प्रयोगशाला से संबंधित सामग्री लेकर स्कूल पहुंचते हैं और विज्ञान की बारीकियां बच्‍चों को बताते हैं। विद्यार्थियों को भी यह तरीका भा रहा है। इससे लगभग 800 छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 01:17 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 02:48 PM (IST)
विज्ञान की बारीकियां बताने यहां बाइक पर दौड़ती है प्रयोगशाला, बच्चों में पढ़ाई के प्रति बढ़ी रुचि Giridih News
स्‍कूल में लैब के माध्‍यम से विज्ञान की पढ़ाई करते बच्‍चे।

गिरिडीह, [ज्ञान ज्योति]। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने तथा उनके व्यक्तित्व विकास के लिए रोज नए प्रयोग हो रहे हैं। झारखंड के गिरिडीह में भी अनोखा प्रयोग हुआ। यहां के 8 स्कूलों में लैब ऑन बाइक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को विज्ञान पढ़ाया जाता है। इसके लिए प्रशिक्षित युवक बाइक पर प्रयोगशाला से संबंधित सामग्री लेकर स्कूल पहुंचते हैं और विज्ञान की बारीकियां बताते हैं। विद्यार्थियों को भी यह तरीका भा रहा है। यह पहल आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत की जा रही है। लैब ऑन बाइक के लिए विभाग का अगस्त्य फाउंडेशन के साथ करार हुआ है। फिलहाल 800 छात्र-छात्राएं इससे लाभान्वित हो रहे हैं।

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क्या है लैब ऑन बाइक

इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक के विद्याॢथयों को विज्ञान पढ़ाया जाता है। इसके लिए प्रशिक्षक नियुक्त हैं। ये बाइक से पढ़ाई में उपयोग होने वाली लैब से संबंधित सामग्री लेकर स्कूल पहुंचते हैं। झारखंड का गिरिडीह आकांक्षी जिले की सूची में है।

800 बच्चे हो रहे लाभान्वित

इस कार्यक्रम के लिए जिले के आठ विद्यालयों का चयन किया गया है। इनमें मध्य विद्यालय बनियाडीह, बदडीहा, पुरनानगर, श्रीरामपुर, मटरूखा, चुंगलो, उत्क्रमित मध्य विद्यालय जसपुर और मोहनपुर शामिल है। इन स्कूलों के करीब 800 बच्चे इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।

मॉडल से प्रतिभा का प्रदर्शन

इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक साल दो विद्यालयों में विज्ञान मेला का आयोजन किया जाता है। इसमें बच्चे विज्ञान पर आधारित तरह-तरह के मॉडल बनाकर प्रस्तुत करते हैं। बेहतर मॉडल बनाने वाले बच्चों को पुरस्कार दिया जाता है।

व्यक्तित्व विकास पर भी जोर

विद्यालयों में समर और विंटर कैंप लगाया जाता है। तीन से पांच दिनों तक यह कैंप चलता है। इसके लिए अभिभावकों और शिक्षकों की उपस्थिति में 20-20 बच्चों का समूह बनाया जाता है। बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर भी यहां जोर दिया जाता है। उनके लिए इंडोर गेम का भी आयोजन किया जाता है।

लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई

लाकडाउन में स्कूल बंद हैं। इसलिए इन दिनों ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। प्रशिक्षक गुलाम सर्वर ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि एवं पढ़ाई के प्रति उत्सुकता पैदा करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मध्य विद्यालय बदडीहा के प्रधानाध्यापक दीपक कुमार ने बताया कि लैब ऑन बाइक कार्यक्रम से बच्चों में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। वे अब नई-नई चीजें जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। वे खुलकर सवाल भी पूछते हैं। पहले वे शिक्षकों से कुछ पूछने में हिचकते थे।


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