हेमंत सोरेन मानहानि मामला: कोर्ट ने जताई नाराजगी, 9 फरवरी तक मांगा जवाब; जानें विस्तार से
Hemant Soren Defamation Case अदालत ने जवाब दाखिल नहीं करने पर नाराजगी जताई। हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से दो सप्ताह का समय दिए जाने की मांग की। अदालत ने इन्कार करते हुए नौ फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Soren Defamation Case रांची सिविल कोर्ट की सब-जज वैशाली श्रीवास्तव की अदालत में इंटरनेट मीडिया पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने से जुड़े सांसद निशिकांत दुबे के मामले में आंशिक सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने वादी की ओर से जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई। इस दौरान हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से दो सप्ताह का समय दिए जाने की मांग की।
अदालत ने इन्कार करते हुए इस मामले में नौ फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस दौरान फेसबुक ने इस मामले से नाम हटाने को लेकर आवेदन दाखिल किया। जिस पर वादी हेमंत सोरेन की ओर से जवाब दिया जाना है। इस मामले में हेमंत सोरेन की ओर से सांसद निशिकांत दुबे सहित फेसबुक एवं ट्वीटर को भी प्रतिवादी बनाया गया है।
याचिका में दोनों के भारतीय कार्यालय का पता दिया गया है, जबकि मूल कार्यालय का पता देने को कहा गया है। इस मामले में ट्वीटर की ओर से अदालत में अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराई गई। बता दें कि इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने चार अगस्त 2020 को निशिकांत दुबे के साथ- साथ फेसबुक और ट्विटर के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में दीवानी मुकदमा किया है। मुख्यमंत्री ने 300 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया है।