दुर्गा पूजा के बाद संघर्ष यात्रा का दूसरा चरण शुरू करेंगे हेमंत
चुनावी आहट के साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा ने संगठनात्मक मोर्चे पर कवायद तेज कर दी है।
रांची : चुनावी आहट के साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा ने संगठनात्मक मोर्चे पर कवायद तेज कर दी है। जमीनी हालात देखने और परखने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दौरे पर निकले हैं। संगठन ने इसे संघर्ष यात्रा नाम दिया।
सितंबर के अंतिम सप्ताह में उन्होंने इस क्रम में कोल्हान प्रमंडल की खाक छानी थी। वे जल्द हीं संघर्ष यात्रा के दूसरे चरण पर निकलेंगे। इसकी शुरुआत दुर्गापूजा के तुरंत बाद होगी। वे गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा आदि जिलों का दौरा करेंगे।
कोल्हान से संघर्ष यात्रा की शुरुआत के भी मायने हैं। यह झारखंड मुक्ति मोर्चा के बेहतरीन प्रभाव क्षेत्र वाला इलाका है। इस प्रमंडल के तीन जिलों में से एक पश्चिमी सिंहभूम की सभी विधानसभा सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा है। वहीं सरायकेला-खरसावां की एक सीट को छोड़ सभी सीटें झामुमो के पास हैं। पूर्वी सिंहभूम में इन दो जिलों के मुकाबले झारखंड मुक्ति मोर्चा थोड़ा कमजोर स्थिति में है। हेमंत सोरेन ने संघर्ष यात्रा के क्रम में जहां इन इलाकों की जमीनी हकीकत देखी वहीं संगठनात्मक स्थिति से भी रूबरू हुए थे।
उनकी यात्रा का मकसद जनसंपर्क के साथ-साथ संगठन की वास्तविकता से भी परिचित होना है। यात्रा के क्रम में वे वैसे लोगों को भी झामुमो से जोड़ रहे हैं जो इलाके में प्रभावी हैं और उनका जुड़ाव पूर्व में संगठन से रहा है।
कोल्हान में संघर्ष यात्रा की सफलता से हेमंत सोरेन काफी उत्साहित भी हैं। उन्होंने जिक्र किया है कि अपेक्षा से काफी ज्यादा समर्थन लोगों का मिला। खासकर युवाओं ने काफी रूचि दिखाई और उनसे सीधे रूबरू भी हुए।
संगठन को धार देने की कवायद
झारखंड मुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व ने संगठन को धार देने की कवायद तेज की है। केंद्रीय समिति की बैठक में भी इस पर चर्चा हुई। इसके तत्काल झारखंड किसान मोर्चा की कमान तेजतर्रार विधायक जगरनाथ महतो को सौंपी गई। चार जिला कमेटियों का भी पुनर्गठन किया गया। पार्टी के रणनीतिकार इस मुहिम में लगे हैं कि समय रहते तमाम कवायद पूरी कर ली जाए ताकि धरातल पर परेशानी न आए।
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