झारखंड में उद्योग लगाने पर 50 करोड़ की छूट, कार खरीदने पर 1.5 लाख की सब्सिडी; जानें हेमंत सरकार की योजना
Jharkhand Industry Hemant Government News उद्योग विभाग ने इलेक्ट्रिक कार निर्माण से संबंधित उद्योग लगाने पर 50 करोड़ तक इंसेंटिव का प्रस्ताव बनाया है। ग्राहकों के लिए भी कई ऑफर हैं। दोपहिया पर दस हजार तो कार खरीदने पर 1.5 लाख तक का लाभ होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार झारखंड को इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के मकसद से नई नीति लेकर आ रही है। इस नीति की खासियत यह है कि इसमें ना सिर्फ निवेशकों को बड़े ऑफर दिए जा रहे, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी कई आकर्षक प्रस्ताव हैं। झारखंड में निर्माण कार्य शुरू करनेवाली बड़ी कंपनियों को 50 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जा सकती है तो ग्राहकों को दोपहिया, तीन पहिया अथवा कार या फिर बस की कीमत के हिसाब से 10 फीसद तक की रियायत मिलेगी।
इस प्रकार दोपहिया की खरीदारी पर अधिकतम 10 हजार रुपये तो कार पर 1.5 लाख रुपये तक सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी ग्राहकों को कार एजेंसी के माध्यम से ही मिल जाएगी। शुक्रवार को नई दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को इच्छुक कंपनियों को आमंत्रित करने के उद्देश्य से आयोजित समिट में योजना का विस्तार से खुलासा किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली और महाराष्ट्र में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए नीति बनाई गई थी, लेकिन झारखंड में दोनों राज्यों से बेहतर प्रस्ताव दिए गए हैं।
इतना ही नहीं, उपभोक्ताओं को भी बड़ी राहत दी जाएगी, ताकि राज्य में ऐसे वाहनों के खरीदार बढ़ सकें। ऐसे वाहनों का फिलहाल निबंधन शुल्क नहीं लगेगा और रोड टैक्स भी माफ होगा। इन वाहनों से संबंधित इकाइयां लगाने और चार्जिंग स्टेशन के निर्माण पर भी राज्य सरकार की ओर से कई ऑफर दिए जा रहे हैं। 27 अगस्त को नई दिल्ली में इससे संबंधित समिट में योजना पर विस्तार से चर्चा होगी।
मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित सवालों का जवाब देंगे मंत्री, विभाग तय
विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सभी विभागों से संबंधित जवाब के लिए मंत्रियों की जवाबदेही तय कर दी गई है। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है।
किस मंत्री को कौन से विभाग की जवाबदेही
-आलमगीर आलम : गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग (आपदा प्रबंधन रहित), मंत्रिमंडल निर्वाचन, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (संसदीय कार्य रहित), विधि विभाग।
-चंपाई सोरेन : वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग।
-जोबा मांझी : राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग (निबंधन को छोड़कर), सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग।
-बादल : खान एवं भूतत्व विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग।
-मिथिलेश कुमार ठाकुर : जल संसाधन विभाग, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, उद्योग विभाग, सूचना एवं जन संपर्क विभाग।
-सत्यानंद भोक्ता : नगर विकास एवं आवास विभाग।
-बन्ना गुप्ता : ऊर्जा विभाग।