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Indian Navy: नौ सेना के जंगी जहाजों के लिए प्रोपेलर बनाएगी HEC, पहली भारतीय कंपनी बनने का गौरव

भारत अपने मित्र देश रूस के साथ मिलकर वारशिप के पार्ट विकसित कर रहा है। इसके लिए एचईसी ने तैयारी शुरू कर दी है। अगले साल डिफेंस कॉन्क्लेव में रक्षा से जुड़ी तकनीकों का प्रदर्शन होगा

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 08:40 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 12:29 PM (IST)
Indian Navy: नौ सेना के जंगी जहाजों के लिए प्रोपेलर बनाएगी HEC, पहली भारतीय कंपनी बनने का गौरव
Indian Navy: नौ सेना के जंगी जहाजों के लिए प्रोपेलर बनाएगी HEC, पहली भारतीय कंपनी बनने का गौरव

रांची, [मधुरेश नारायण]। एचईसी जल्द ही नेवी बोट और जंगी जहाजों की मशीन बनाने का हब बनने जा रहा है। कंपनी को इसके लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के द्वारा कई प्रोजेक्ट के लिए हरी झंडी मिल गई है।  जंगी जहाज में लगने वाला प्रोपेलर अब एचईसी में बनेगा। एचईसी  को इंडियन नेवी से सात वारशिप का सामान बनाने का वर्कऑर्डर मिला है।

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एचईसी पहली भारतीय कंपनी है जो जंगी जहाजों के लिए प्रोपेलर बना रही है। इससे पहले प्रोपेलर विदेश से आयात किया जाता था। कंपनी इसके अलावा भी कई विदेशी कंपनियों से जहाज के अलग-अलग पार्ट बनाने के लिए बात कर रही है। कंपनी साल 2020 में लखनऊ में आयोजित होने वाले डिफेंस कॉन्क्लेव में रक्षा से जुड़ी कुछ नई तकनीकों का प्रदर्शन करेगी, जिसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

वारशिप के अहम हिस्सों का डिजाइन और बनाने का चल रहा काम

एचईसी ने पी-17 अल्फा वारशिप के कुछ अहम मशीनी हिस्सों का डिजाइन और बनाने का भी काम शुरू कर दिया है। इस जहाज में बुलिंग कॉस्ट, एंकर ऑउस पाइप और लीप कास्ट का मुख्य रूप से निर्माण करना है। 31वें इंडो रूस इंटरगवर्नमेंटल कमीशन में रूस की कंपनी रोसोवोरन एक्सपोर्ट के साथ शॉफ्ट मशीन के प्रोडक्शन पर सहमति बनी थी। एमओयू के अनुसार रूस की कंपनी को डिजाइन बनाकर देना है और मशीन के प्रोडक्शन का काम एचईसी को करेगी। इस संबंध में माझगांव डॉक के निदेशक और एचईसी के प्रतिनिधि के बीच सेंट पीटर्सबर्ग में बैठक हुई थी। इसके बाद रूस की युनाइटेड शिप बिल्डिंग कारपोरेशन और बाल्टिक शिपयॉर्ड ने भी जहाज के कुछ हिस्से बनाने के लिए कंपनी से संपर्क किया है।

कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि भारत में निर्मित आइएनएस राणा का प्रोपेलर रूस की एक कंपनी से मंगाया गया। मगर इसमें अचानक खराबी आ गई, जिसे एचईसी के इंजीनियरों ने ठीक किया। इसके पहले कंपनी ने 1241आरई मिसाइल बोट का भी निर्माण किया था, इसलिए पानी के जहाज बनाने का कंपनी अनुभव है। एचईसी की ये कोशिश है कि आने वाले दो से तीन साल में हम एचईसी को नेवी मशीन डेवलपमेंट का हब बना दें।

सेना के लिए बख्तरबंद गाडिय़ां बनाएगी एचईसी

एचईसी जल्द ही सेना के लिए बख्तबंद गाडिय़ां भी बनाएगी। इसके लिए बुधवार को डीआरडीओ के द्वारा दिल्ली में होने वाले बख्तरबंद गाडिय़ों पर सेमिनार में कंपनी भाग लेने जा रही है। इसके लिए कंपनी के द्वारा एक रोड मैप तैयार करके सेमिनार में पेश किया जाएगा।  एचईसी नार्मल गाडिय़ों की चेसिस में बदलाव करके बख्तरबंद गाड़ी बनाएगी। यहां बनाई जाने वाली बख्तरबंद गाड़ी आधुनिक कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस होगी। इसमें सेना के जवानों के लाने ले जाने के साथ इमरजेंसी एंबुलेंस सुविधा भी होगी।


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