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पे रिवीजन का बढ़ा दबाव तो बंद हो सकता है एचईसी : सीएमडी

शनिवार को भी एचईसी में उत्पादन ठप रहा। सुबह से ही मजदूरों ने प्लांट में काम बंद रखा। प्रभारी सीएमडी ने कहा कि एचईसी बंद हो जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 12:59 AM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 12:59 AM (IST)
पे रिवीजन का बढ़ा दबाव तो बंद हो सकता है एचईसी : सीएमडी
पे रिवीजन का बढ़ा दबाव तो बंद हो सकता है एचईसी : सीएमडी

जागरण संवाददाता, रांची : शनिवार को भी एचईसी में उत्पादन ठप रहा। सुबह से ही मजदूरों ने प्लांट के बाहर प्रबंधन के खिलाफ पे रिवीजन के लिए नारेबाजी करनी शुरू कर दी। मजदूरों के कहने पर कंपनी के प्रभारी सीएमडी नलिन सिंघल एचईसी पहुंचे। उन्होंने मजदूरों से काम पर लौटने की अपील की वहीं मुख्यालय में सर्व यूनियन मीटिंग में कहा कि अभी सरकार से पे रिवीजन मांगना एचईसी को बंद करने की तरफ उठाया गया एक कदम होगा। अप्रैल में एचईसी केंद्र सरकार से 1270 करोड़ रुपये का एक पुनरोद्धार पैकेज मांगने वाली है। इसी में हम पे रिवीजन करने की बात भी शामिल करेंगे, लेकिन इसके लिए सबसे पहले मजदूरों को काम पर लौटना होगा। वहीं मजदूर यूनियनों ने कहा कि वो मजदूरों के साथ रविवार को बैठक करेंगे। इसके बाद फैसला किया जाएगा कि हड़ताल वापस लेना है या नहीं।

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सुबह में प्रभारी सीएमडी ने मजदूर यूनियनों से एक -एक कर के मुलाकात की। सबसे पहले हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन की तरफ से महासचिव राणा संग्राम सिंह ने सीएमडी से कहा कि मजदूरों ने मजबूरी में हड़ताल किया है। महंगाई में उनके लिए घर चलाना संभव नहीं था। इस पर सीएमडी ने कहा कि कंपनी की हालत किसी से छुपी हुई नहीं है। कंपनी अभी सभी कर्मचारियों को पे रिवीजन देने की हालत में नहीं है।

वहीं सीटू के नेता भवन सिंह ने दो टूक में कहा कि मजदूर भीख नहीं मांग रहे हैं। अपना हक मांग रहे हैं। मजदूर रोज कमाता है, रोज खाता है। इसके साथ ही एचईसी के सभी यूनियनों के नेताओं ने अपनी बात एक -एक करके सीएमडी नलिन सिंघल के सामने रखी। मजदूरों ने कहा कि पहले भी कंपनी ने ऐसे वादे किए जिसे पूरा नहीं किया गया। ऐसे में एक बार फिर से कंपनी पर विश्वास करने से पहले आपस में सोच विचार करना जरूरी है।


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