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Weather Forecast: झारखंड के कई इलाकों में जोरदार बारिश, वज्रपात; जानें अपने शहर का हाल

Weather Tommorow मानसून के आगमन के साथ ही रोज झारखंड में झमाझम बारिश हो रही है। शुक्रवार को राजधानी रांची पलामू जमशेदपुर खूंटी समेत कई इलाकों में सुबह से वर्षा हो रही है

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 08:54 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 04:24 AM (IST)
Weather Forecast: झारखंड के कई इलाकों में जोरदार बारिश, वज्रपात; जानें अपने शहर का हाल
Weather Forecast: झारखंड के कई इलाकों में जोरदार बारिश, वज्रपात; जानें अपने शहर का हाल

रांची, जेएनएन। Weather Today News मानसून के आगमन के साथ ही रोज झारखंड में झमाझम बारिश हो रही है। शुक्रवार को राजधानी रांची, पलामू, जमशेदपुर, खूंटी समेत कई इलाकों में सुबह से तेज वर्षा हो रही है। इस दौरान घने-काले बादलों के चलते अंधेरा छाया रहा। कई जगहों पर वज्रपात भी देखने को मिला है। शहरी इलाकों में बारिश के चलते गली-कूचे में जहां जलजमाव हो गया, वहीं गांवों में खेती-किसानी के लिए बारिश की बूंदों को खेतिहर राहत मान रहे हैं।  

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पलामू में वज्रपात से दो की मौत

हुसैनाबाद छतरपुर अनुमंडल क्षेत्र में  वज्रपात की अलग-अलग घटना में  दो की मौत हो गई। मोहमदगंज थाना अंतर्गत गोराडीह पंचायत के भाली गांव निवासी 37 वर्षीय प्रमोद यादव की मौत शुक्रवार की अहले सुबह वज्रपात से हो गई। प्रमोद यादव अपने मवेशी को खेत मे चरा रहा था। इसी क्रम में वज्रपात से मौत हो गई। इस घटना से भाली सहित गोराडीह पंचायत क्षेत्र में मातमी सनाटा पसर गया है। पंचायत के मुखिया पंचम खां ने बताया कि मृतक के आश्रित को सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसकी सूचना मोहमदगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी व मोहमदगंज थाना प्रभारी को दे दी गई है। इधर छतरपुर में हुए वज्रपात से एक व्यक्ति की मौत हो गई है।

पलामू में सुबह से शुरू हुई बारिश, राहत

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में 4 दिनों के बाद  शुक्रवार की सुबह  से बारिश हो रही है। इससे उमस भरी गर्मी के बाद मौसम सुहाना हो गया। किसान समेत आम लोगों ने राहत की सांस ली है। सुबह में भी शाम  का नजारा दिख रहा है। करीब दो घंटे तक हुई रिमझिम बारिश और तेज हवाओं से तापमान में कमी आई है। बारिश के बीच बीच में  मेघ गर्जन  हो रहा है। आकाशीय बिजली कड़क रही है। मालूम हो कि कई दिनों की उमस भरी गर्मी से पलामू का जनजीवन प्रभावित था। पलामू के हरिहरगंज, चैनपुर, पांकी,  सतबरवा, लेस्लीगंज, पाटन, पंडवा, विश्रामपुर, नावा बाजार आदि प्रखंड में हुई बारिश से राहत मिली। कृषि कार्य में  जुटे किसान खेतों को अब अंतिम रूप से  तैयार करने में लगे हैं।

सुबह में दिख रहा है शाम का नजारा

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि पलामू  में समय पर मानसून की  बारिश हो रही है। इससे किसानों को फायदा होगा । स्थानीय चियांकी कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार ने बताया कि किसान खेत में बिहन कर लें।  बारिश से टांड़ पर मक्का लगाना शुरू कर दें । अरहर लगाने से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पलामू के किसान 50 हजार हेक्टेयर में धान की फसल करते हैं। पलामू में मक्का व अरहर की खेती भी मानसून की बारिश पर ही निर्भर करती है।

सब्जी मंडी में भरा पानी, क्रेता विक्रेता की बढ़ी परेशानी

इटखोरी प्रखंड मुख्यालय स्थित कृषि फार्म में स्थानांतरित किए गए सब्जी मंडी में लगातार बरसात होने से पानी भर गया है। इससे सब्जी के क्रेता तथा विक्रेताओं की परेशानी बढ़ गई है। बारिश के कारण शुक्रवार की सुबह सब्जी मंडी नहीं लग सकी। सब्जी के खरीदार थैला लेकर इधर-उधर घूमते नजर आए। मालूम हो कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरें को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने झंडा चौक से हटाकर सब्जी मंडी को कृषि फार्म में स्थानांतरित कर दिया कर दिया था।

कृषि फार्म के एक परती पडे खेत में सब्जी मंडी लगाई जा रही थी। इधर मानसून आगमन के साथ ही इस क्षेत्र में लगातार बरसात हो रही है। बरसात का पानी अस्थाई सब्जी मंडी में भर गया है। ऐसे में सब्जी के विक्रेता सब्जी मंडी लगा ही नहीं पा रहे हैं। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि प्रशासन उन्हें तत्काल कोई ऐसा स्थान उपलब्ध कराएं जहां बारिश के पानी का जवाब ना होता हो। सब्जी विक्रेताओं का यह भी कहना है कि यह मौसम बरसात का है। तीन चार महीने तक बारिश होती रहेगी। ऐसी स्थिति में कृषि फॉर्म में सब्जी मंडी लगाना असंभव है।

कोडरमा में लगातार हो रही बारिश से किसानों में बढ़ रही चिंता

गत दो दिन से लगातार हो रही बारिश से किसानों में चिंता झलकने लगी है। सभी किसान अपने अपने खेतों में धान के बिचड़े डाल दिए हैं, परंतु बारिश के होने से खेत जलमग्न हो गए हैं जिससे किसानों द्वारा खेत में डाले गए बिचड़ा सड़ने  की संभावना बढ़ रही है। ऐसे में अगर शीघ्र धूप नहीं निकला तो किसानों के बिचड़े सड़ जाएंगे और उन्हें धान लगाने में काफी परेशानी होगी। किसान कृष्णा कुमार बताते हैं कि वे 2 दिन पूर्व ही धान का बिचड़ा खेत में डाला था, परंतु गुरुवार को भारी बारिश होने से खेत में पानी भर गया है जिससे धान का बिचड़ा सड़ सकता है। वहीं किसान राजकुमार सिंह की माने तो कोरोना संक्रमण के इस दौर में पूंजी लगाकर महंगे दामों में धान का बिचड़ा लगाया था, लेकिन इस समय बारिश की वजह से काफी नुकसान सहना पड़ सकता है। वहीं किसान सुधीर कुमार ने बताया कि थोड़ी सी धूप निकलने पर वह अपने खेत में मक्का, उड़द, बरई का बिचड़ा लगाया था, परंतु गुरुवार की संध्या भारी बारिश के कारण पूरा खेत में पानी भर गया है।  हालांकि किसानों के लिए मडुआ का फसल लगाने में काफी फायदेमंद होगा। मडुआ का बिचड़ा लगभग तैयार हो गया है।

किसान अपनी खेतों का मेड़ काट कर पानी निकाल दें : विशेषज्ञ

लगातार हो रही बारिश से खेतों में जमा पानी को किसान शीघ्र काटकर बहा दें, अन्यथा किसानों के बिचड़े सड़ जाएंगे। अगर कोई किसान अब तक बिचड़ा नहीं लगा पाए हो तो उन्हें धूप निकलने तक इंतजार करना होगा। जो किसान मक्का, उरद, बरई आदि कई फसल लगा दिए होंगे और उन में पानी जम रहा होगा तो उसे भी किसान मेढ़ काटकर पानी की निकासी कर दें, अन्यथा किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ेगा। हालांकि किसान मडुआ का फसल अब लगा सकते हैं इसके लिए यह समय काफी उचित है। वैसे तो धान का बिचड़ा लगाने का समय बीत गया है। लेकिन जो पूर्व में नहीं लगा पाए वैसे किसानों को धान का बिचड़ा लगाने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। चंचला कुमारी, कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर, कोडरमा।


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