Move to Jagran APP

नए हाई कोर्ट भवन के लिए पर्यावरण स्वीकृति सहित सारी औपचारिकता जल्द करें पूरी

रांची झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में नए हाई कोर्ट भवन के बचे काम को लेकर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने नए भवन के लिए पर्यावरण स्वीकृति सहित अन्य औपचारिकताएं जल्द पूरी करने का निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 07:50 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 07:50 PM (IST)
नए हाई कोर्ट भवन के लिए पर्यावरण स्वीकृति सहित सारी औपचारिकता जल्द करें पूरी
नए हाई कोर्ट भवन के लिए पर्यावरण स्वीकृति सहित सारी औपचारिकता जल्द करें पूरी

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में नए हाई कोर्ट भवन के बचे काम को लेकर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने नए भवन के लिए पर्यावरण स्वीकृति सहित अन्य औपचारिकताएं जल्द पूरी करने का निर्देश दिया। अदालत ने नगर निगम, सिया (स्टेट एन्वायरमेंट इंपैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी) और सरकार को प्रगति रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने निर्देश दिया है।

loksabha election banner

सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से मौखिक बताया गया कि निगम ने नए हाई कोर्ट भवन का नक्शा पास कर दिया है। जबकि, सिया की ओर से बताया गया कि हाई कोर्ट के नए परिसर का एक एकड़ वनभूमि है। इसका क्लीयरेंस नहीं लिया गया है। इसका प्रार्थियों की ओर से विरोध किया गया। प्रार्थियों का कहना था कि यह जमीन राज्य सरकार ने अधिग्रहित कर एचईसी को 1963 में दी थी। इसके बाद एचईसी से राज्य सरकार ने वापस ली है। ऐसे में जमीन वनभूमि नहीं हो सकती है। इस पर अदालत ने कहा कि इस मामले पर सरकार स्थिति स्पष्ट करते हुए शपथपत्र दाखिल करे। अदालत ने कहा कि यदि नए हाई कोर्ट परिसर में वनभूमि का मामला है भी, तो इसे संबंधित पक्ष दूर करे। अदालत ने सरकार, नगर निगम और सिया को 29 जनवरी तक प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। बता दें कि हाई कोर्ट के नए भवन के निर्माण में वित्तीय अनियमितता को लेकर अधिवक्ता राजीव कुमार एवं अन्य ने जनहित याचिका दाखिल की है।

इधर, अदालतों की सुरक्षा से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन ने नए हाई कोर्ट भवन का काम पूरा नहीं होने पर चिता जताते हुए इसे दुखद बताया। अदालत ने कहा कि काफी पहले भवन बनकर तैयार हो गया है। अब नया भवन भी खराब होने लगेगा, लेकिन सरकार और अन्य विभागों की सुस्ती के कारण अब तक नए भवन में हाई कोर्ट शिफ्ट नहीं हो सका है। सरकार इसे प्राथमिकता में नहीं ले रही है।

--------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.