हजारीबाग में शहीद जवान की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाव, लगे भारत माता की जय के नारे
Hazaribagh News राम नाम की जगह वंदेमातरम के लगे नारे मनोज का पार्थिव शव को उसके घर के आंगन में रखकर पूरे गांव ने श्रद्धांजलि दी। श्रद्धा सुमन अर्पित करने शहर से लेकर दारु के लोग पहुंचे थे।
हजारीबाग, जागरण संवाददाता। दिल्ली में तैनात बीएसएफ जवान मनोज पासवान की सड़क दुर्घटना में सोमवार को मौत हो गई थी। मंगलवार को पार्थिव शरीर तिरंगा में लिपटा हुआ पैतृक गांव सदर प्रखंड के अमनारी पहुंचा। शव आने की सूचना पर हजारों लोग अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए खड़े थे। अंतिम संस्कार के लिए विदाई के समय पूरा गांव रोया। वृद्ध पिता बैजनाथ पासवान ने अश्रुपूर्ण नेत्रों के साथ मुखाग्नि दी। बीएसएफ के इंस्पेक्टर एमआई खान के नेतृत्व में जवान शव को लेकर उनके गांव रांची से आए थे। बीएसएफ जवानों ने अमनारी के श्मशान घाट पर सशस्त्र सलामी दी। मौके पर सीओ राजेश कुमार, थाना प्रभारी बजरंग महतो सहित विधायक के प्रतिनिधि के रूप में विजय कुमार, मुखिया अमनारी अनूप कुमार, पारा शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी दीपनारायण महतो सहित अन्य कई गणमान्य , जन प्रतिनिधि और विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग उपस्थित थे।दोपहर करीब दो बजे तिरंगा में लिपटा शव जैसे हीं गांव पहुंचा भारत माता की जय, मनोज कुमार अमर रहे आदि के नारे लगने शुरु हो गए।
पिता ने दी मुखाग्नि
गोद में था पांच वर्षीय बेटा मनोज का अंतिम संस्कार के समय लोग उस वक्त एक बार फिर भावुक हो गए जब अग्नि संस्कार के लिए पिता के साथ उसके पांच वर्षीय बेटा को सामने लाया गया। गोद में उठाए पिता ने अपने लाडले को मुखाग्नि दी। करीब पांच सौ से अधिक लोग मनोज के अंतिम विदाई में शामिल हुए।
ग्रामीणों ने मिलकर दिया कांधा
राम नाम की जगह वंदेमातरम के लगे नारे मनोज का पार्थिव शव को उसके घर के आंगन में रखकर पूरे गांव ने श्रद्धांजलि दी। श्रद्धा सुमन अर्पित करने शहर से लेकर दारु के लोग पहुंचे थे। विदाई के दौरान गांव के हर महिला पुरुष ने मनोज को कांधा दिया। श्मशान घाट की यात्रा के दौरान सनातन संस्कृति के अनुसार राम नाम सत्य के नारे लगते है,परंतु मनोज के लिए भारत माता की जय और वंदेमातरम का नारा लगता रहा।