एचईसी वेलनेस सेंटर में बने 50 बेड का कोरोना सेंटर, आईसीयू की भी हो व्यवस्था
Jharkhand News कोरोना संक्रमण की पहली लहर से ज्यादा दूसरी लहर के लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और आक्सीजन की जरूरत हुई है। एचईसी एरिया में भी बड़ी संख्या में लोग इस बार कोरोना संक्रमण के शिकार हुए हैं।
रांची, जासं । कोरोना संक्रमण की पहली लहर से ज्यादा दूसरी लहर के लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और आक्सीजन की जरूरत हुई है। एचईसी एरिया में भी बड़ी संख्या में लोग इस बार कोरोना संक्रमण के शिकार हुए हैं। इसमें कंपनी के कामगार और एचईसी कालोनी में रहने वाले लोग भी शामिल हैं। ऐसे में अब कंपनी के वेलनेस सेंटर में 50 बेड का आक्सीजन युक्त कोराना सेंटर बनाने की मांग उठ रही है। इसके साथ ही लोगों का कहना है कि यहां आईसीयू की भी व्यवस्था की जानी चाहिए क्योंकि आसपास पारस एचईसी के अलावे कोई बेहतर अस्पताल नहीं है।
लोगों की मांग को देखते हुए हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री राणा संग्राम सिंह ने एचईसी के निदेशक कार्मिक एमके सक्सेना को पत्र लिखकर एचईसी वेलनेस सेंटर में कोविड अस्पताल बनाने की बात कही है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि विज्ञानियों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर से खतरनाक होगी। दूसरी लहर में सरकारी व्यवस्था पूरी तरह से फेल होती दिखी। एचईसी एरिया के कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। ऐसे में कंपनी को अपने सामाजिक दायित्व के तहत कोविड अस्पताल बाएं।
उन्होंने कहा कि कंपनी पहले से कोरोना मरीजों के लिए आक्सीजन उपलब्ध करा रही है। वहीं एचईसी प्लांट अस्पताल के बेड खाली पड़े हैं। उन्हें मंगवाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं अस्पताल में आक्सीजन की जरूरत एचईसी एफपीपी प्लांट से पूरा किया जा सकता है। राणा संग्राम सिंह ने कहा कि अस्पताल को चलाने के लिए कंपनी मानवता के आधार पर अपने सेवानिवृत्त प्लांट के डाक्टरों को अख बार फिर से संविदा पर नियुक्त कर सकती है। कंपनी के डा केके कदम, डा आरएन सिंह, डा टीडीपी सिन्हा, डा पीके सिंह जैसे कुशल और सक्षम डाक्टर किसी भी अस्पताल को चला सकते हैं। इस महामारी काल में कंपनी उनके वृह्द अनुभव का उपयोग कर लोगों की जान बचा सकती है। उन्होने कहा कि अगर वेलनेस सेंटर में कोविड अस्पताल बनाने में दिक्कत हो तो कंपनी जेएन क्लब का बेहतरीन इस्तेमाल कर सकती है।