गुमला, सिमडेगा, चतरा और खूंटी मुख्यालय को रेलवे से जोड़ने का परामर्श
रेल परियोजनाओं को लेकर बनी उच्च स्तरीय कमेटी ने सिमडेगा गुमला चतरा और खूंटी जिला मुख्यालय को रेलवे से जोड़ने के लिए प्रयास करने की सलाह दी है। कमेटी ने अपनी अनुशंसाएं सौंप दी हैं जिसके अनुसार रेल परियोजनाओं पर केंद्र और राज्य की 50-50 फीसद की भागीदारी लाभदायक नहीं है।
रांची : रेल परियोजनाओं को लेकर बनी उच्च स्तरीय कमेटी ने सिमडेगा, गुमला, चतरा और खूंटी जिला मुख्यालय को रेलवे से जोड़ने के लिए प्रयास करने की सलाह दी है। कमेटी ने अपनी अनुशंसाएं सौंप दी हैं जिसके अनुसार रेल परियोजनाओं पर केंद्र और राज्य की 50-50 फीसद की भागीदारी लाभदायक नहीं है। कमेटी ने जेआरआईडीसीएल को ऐसी संभावनाएं तलाशने को कहा है जिससे कम से कम लागत में अधिक से अधिक लाभ हो। मुख्यमंत्री ने विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है।
समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के अनुसार अति महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं के लिए ही 50-50 प्रतिशत की भागीदारी को आधार बनाकर निर्माण शुरू कराया जाएगा। राज्य के वैसे जिला मुख्यालयों जहां अभी तक रेलवे कनेक्टिवटी नहीं है, उसे रेलवे नेटवर्क से कनेक्ट करने, महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर के तौर पर पर शुरू करने तथा राज्य के अंदर की रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना और उसके विकास में जेआरआईडीसीएल के द्वारा भूमिका निर्वहन के संबंध में समिति ने प्रतिवेदन में विस्तृत सुझाव दिए हैं।
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ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से खर्च निकालने की बात
विकास आय़ुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैसी रेल परियोजनाएं जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, उसके निर्माण में होने वाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। ऐसी रेल परियोजनाओं के निर्माण में होने वाले खर्च में राज्य सरकार की हिस्सेदारी बढ़ती है तो इसे रेलवे अथवा ज्वाइंट वेंचर के जरिए बनाया जाएगा।
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सरकार की हिस्सेदारी कम करने को दिए सुझाव
राज्य के सिमडेगा, चतरा और खूंटी समेत वैसे जिला मुख्यालय जो रेलवे कनेक्टिवटी से नहीं जुड़े हैं. उसे रेल नेटवर्क से जोड़ने को लेकर भी समिति के प्रतिवेदन में सुझाव दिए गए हैं। इसके साथ राज्य के दूरस्थ इलाकों में रेल कनेक्टिविटी के लिए ली जाने वाली योजनाओं में राज्य सरकार की हिस्सेदारी कम होगी, लेकिन ऐसे दूरस्थ इलाकों की पहचान में जेआरआईडीसीएल भूमिका निभाएगा।
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ज्वाइंट वेंचर मॉडल पर फोकस
वैसी रेल परियोजनाएं जो आर्थिक रूप से लाभदायक नहीं हैं लेकिन राज्य में क्रिटिकल कनेक्टिवटी और सामाजिक आर्थिक विकास की दृष्टि से जरूरी है, को ज्वाइंट वेंचर के डेब्ट इक्विटी कॉन्सेप्ट पर लिया जाएगा। ऐसी रेल परियोजनाओं के खर्च को लेकर राशि वाह्य स्रोतों प्राइवेट/ गवर्नेंट स्टेकहोल्डर्स और लोन के जरिए जुटाई जाएगी।
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