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मरीज की जान बचाने को रांची से दिल्‍ली तक बना ग्रीन कॉरिडोर

Green Corridor. रांची के 45 वर्षीय रविकांत का लीवर फैलियर हो गया था, जिसे बेहतर इलाज के लिए रांची में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मेदांता, गुड़गांव भेजा गया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 04:15 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 04:15 PM (IST)
मरीज की जान बचाने को रांची से दिल्‍ली तक बना ग्रीन कॉरिडोर
मरीज की जान बचाने को रांची से दिल्‍ली तक बना ग्रीन कॉरिडोर

रांची, जासं। रांची ट्रैफिक पुलिस ने सोमवार को एक बार फिर सराहनीय प्रदर्शन किया है। एक सप्ताह के भीतर तीसरी बार ग्रीन कॉरिडोर बनवाया गया। क्रोनिक लीवर डिजीज से पीडि़त मरीज रवींद्र नाथ तिवारी को ट्रैफिक पुलिस की मदद से महज 13 मिनट में बूटी मोड़ स्थित मेडिका अस्पताल से एयरपोर्ट भेजवाया गया। जबकि अस्पताल से लेकर एयरपोर्ट की दूरी करीब 14 किलोमीटर है।

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इस दूरी को तय करने के लिए आम तौर पर करीब 40 मिनट लगते हैं। जाम की स्थिति में घंटों लग सकता है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस की मुस्तैदी से कम समय में ही एंबुलेंस को एयरपोर्ट भेजवाया गया। रांची एयरपोर्ट से मरीज को दिल्ली भेजा गया है। वहां से गुडग़ांव स्थित मेदांता अस्पताल में मरीज का इलाज किया जाएगा। रवींद्र नाथ तिवारी को इलाज के लिए एक सप्ताह पहले मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सोमवार को डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए गुडग़ांव स्थित मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया। परिजनों ने बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर एयर एंबुलेंस बुलाई और ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को सूचना इसकी सूचना दी। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनवाया। इसे तैयार करने में ट्रैफिक थानेदार और जवानों ने अहम भूमिका निभाई।

खुशी के लिए दिल्ली तक बना था कॉरिडोर :
बीते पांच फरवरी को नौ माह की बच्ची खुशी के लिए रांची में ग्रीन कॉरिडोर बना था। रानी चिल्ड्रन हॉस्पीटल से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। इसके बाद दिल्ली में भी ग्रीन कॉरिडोर बनाकर गंगाराम अस्पताल पहुंचाया गया था। रांची में 12 किमी की दूरी महज 11 मिनट में तय की गई थी। रांची के पिस्का मोड़ स्थित ओझा मार्केट के पास रहने वाले निशांत दूबे की नौ माह की बच्ची खुशी के लिए विशेष कॉरिडोर बनाया गया था।

इसके दूसरे दिन सुजाता चौक से एयरपोर्ट तक के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना था। 24 अप्रैल, 2017 को बूढ़ा  पहाड़ के नक्सली अभियान में घायल हुए जवानों को रांची एयरपोर्ट से मेडिका अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया था। उस समय एयरपोर्ट से मेडिका महज 19 मिनट में पहुंचाया गया था। 


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