हर गरीब के घर में अनाज, शरीर पर कपड़ा, जमीन की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी Ranchi News
रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि जनता को काम के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना होगा और प्रशासन उनकी समस्या सुनने और निदान के लिए हमेशा तैयार है।
रांची के उपायुक्त छवि रंजन एक तरफ कोरोना महामारी से निपटने के लिए कार्य योजना बना रहे हैं। दूसरी तरफ लोगों के रोजगार, कपड़े और खाने की व्यवस्था करने में जुटे हैं। शहरी कामकाज देखने के साथ-साथ हर हफ्ते जिले के अलग-अलग प्रखंड का दौरा कर रहे हैं। कहीं खेत खलिहान में किसानों से बात कर रहे हैं,कहीं स्वास्थ्य केंद्रों के हालात की पड़ताल कर रहे हैं। बीडीओ, सीओ को सख्त हिदायत दी गई है कि वह बिना सूचना के मुख्यालय नहीं छोड़े। प्रशासन पहली बार जिले की सबसे चुनौतीपूर्ण समस्या जमीन की लूट रोकने में जुटा हुआ है। अब तक इसको हमेशा से नजरअंदाज किया जाता रहा है। यही कारण है कि यह राजधानी में विवाद की सबसे बड़ी वजह रहा है। बुढ़मू प्रखंड के निरीक्षण के दौरान दैनिक जागरण ओर से उप मुख्य संवाददाता ब्रजेश मिश्र ने सभी मुद्दों पर उपायुक्त के साथ विस्तृत बातचीत की गई। पेश है इसके संपादक अंश:-
प्रश्न: रांची जिला प्रशासन एक साथ कई अलग-अलग मुद्दों पर कार्य करता हुआ दिख रहा है। प्राथमिकताएं क्या है?
उत्तर: प्रशासन की अपनी अलग कोई प्राथमिकता नहीं होती। प्रशासन सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का माध्यम है। हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं। लोगों को अनाज मुहैया करा रहे हैं। रोजगार दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। सामाजिक सहयोग के जरिए गरीबों को ठंड के मौसम में कपड़े दिलाने के लिए कार्य कर रहे हैं। हर जरूरतमंद आदमी की समस्याएं सुनना और उसका निदान करना हमारी जिम्मेदारी है। हम इसे पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रश्न: कोरोना महामारी की दूसरी लहर आने की आशंका बनी हुई है। शहर में बड़ी आबादी आशंकित है। गांव की अपनी समस्याएं हैं। एक साथ ही इन दोनों मोर्चे पर निपटने की क्या तैयारी है?
उत्तर: निश्चित रूप से कोरोना महामारी का संकट विश्वव्यापी है। राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में हमने पहले चरण में इस समस्या को जन सहयोग के जरिए काफी हद तक नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की। हम भविष्य की चुनौतियों से लड़ने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं। प्रशासन ने महामारी से पैदा होने वाले हालात से निपटने के लिए पूर्व में ही सभी जरूरी इंतजाम कर लिए हैं। संक्रमण को रोकना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए लोगों को जागरूक करने से लेकर नियमों के अनुपालन पर पूरा जोर दिया जा रहा है। इलाज की बेहतर व्यवस्था मुहैया कराने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार रखा गया है। निश्चित रूप से गांव की समस्याएं शहर से कुछ अलग हैं। गांव में किसानों को उनकी फसल की कीमत दिलाना है। खेती और पशुपालन का कार्य जारी रखने के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने पर हमारा जोर है। ग्रामीणों को कम से कम दूरी पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें, इसके प्रबंध किए जा रहे हैं। अधिकारी लगातार गांव का भ्रमण कर रहे हैं।
प्रश्न: सरकार की योजनाओं से अलग जिला प्रशासन ने अलग-अलग संस्थाओं की मदद से कई नई पहल की शुरुआत की। इससे आम लोगों को कितना फायदा मिला।
उत्तर: मैं फिर इस बात को दोहराना चाहता हूं कि, प्रशासन शासन की मंशा के बगैर कुछ नहीं कर कर रहा। सरकार का लक्ष्य है कि हर गरीब के घर अनाज पहुंचे। इस पर हम कार्य कर रहे हैं। ठंड के मौसम में लोगों को गर्म कपड़े मुहैया कराने के लिए हम सामाजिक संगठनों से मदद ले रहे हैं। लोगों को रोजगार दिलाने के लिए प्राइवेट सेक्टर के साथ एमओयू कर आनलाइन माध्यम उपलब्ध कराया गया है। हमें खुशी है कि हजारों लोगों को इसका फायदा मिला है। युवाओं के एक बड़े वर्ग को नौकरी दिलाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास किए गए। आगे भी लोगों की जरूरतों के लिए प्रशासन सरकार और समाज के बीच समन्वय स्थापित कर बेहतर विकल्प पेश करने का प्रयास करता रहेगा।
बुढ़मू प्रखंड के निरीक्षण के दौरान जानकारी लेते रांची के उपायुक्त छवि रंजन
प्रश्न: रांची जिला प्रशासन की ओर से शुरू किए गए अभियान सेल्फी विथ मास्क की काफी चर्चा रही। क्या यह अभियान लोगों की सोच बदलने में कारगर साबित हुआ?
उत्तर: निश्चित रूप से इस अभियान को जैसा जनसमर्थन मिला, वैसा बहुत कम हो पाता है। मैं रांची के नागरिकों का आभारी हूं कि उन्होंने बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लिया। इसी का परिणाम है कि आज अधिकांश लोग मास्क लगाने के प्रति जागरूक हैं। भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से परहेज कर रहे हैं। शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जा रहा है। शासन का लक्ष्य भी यही था कि जब तक कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं आ जाती, लोग मास्क को अपनी वेशभूषा का हिस्सा बना कर रखें। मास्क के साथ ली गई तस्वीरें हमें वर्तमान संकट के प्रति जीवन भर आगाह रखेंगी।
प्रश्न: कोरोना महामारी में सबसे ज्यादा परेशानी आम लोगों को हुई है। सरकारी कार्यालयों में फाइलें लटकी हुई हैं। आम लोगों की सहूलियत के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
उत्तर: यह सही है कि महामारी के प्रसार के समय पूरा महकमा इस चुनौती से निपटने में लगा हुआ था। जैसे-जैसे स्थितियां सामान्य हुईं, वैसे-वैसे प्रशासनिक कामकाज में भी तेजी आ गई है। अब कहीं कोई फाइल लंबित नहीं रखी जा रही हैं। हर दिन इसकी मॉनिटरिंग हो रही है, हर दिन कार्य का निष्पादन किया जा रहा है। आम लोगों को कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़े, इसके लिए प्रशासन खुद गांव तक जा रहा है। लोगों को उनके दरवाजे पर सभी सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं। इसके परिणाम भी दिख रहे हैं। जहां कहीं से भी हमें सूचना मिलती है, प्रशासनिक अमला लोगों की मदद के लिए पहुंचा है। लोग इसकी सराहना भी कर रहे हैं। हम चाहेंगे कि लोग हमें अपनी समस्याएं बताएं, हम इसका निराकरण करेंगे। जल्द ही प्रशासन की ओर से कुछ हेल्प लाइन नंबर भी जारी की जाएगी। इससे कामकाज और सहज हो जाएगा। गांव के लोगों को सरकारी काम के लिए शहर नहीं आना होगा।
प्रश्न: राजधानी रांची में जमीन अतिक्रमण के मामले हमेशा से बड़ी समस्या की वजह रहे हैं। प्रशासन ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू की है, लोगों का विश्वास जगा है, समस्या को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए क्या कुछ किया जा रहा है?
उत्तर: हां यह सही है कि राजधानी में जमीन की समस्या बड़े विवाद की वजह रही है। यह कई बार यह विधि व्यवस्था के लिए चुनौती बनकर खड़ी हो जाती है। हम लगातार इसकी समीक्षा कर रहे हैं। हर शनिवार को जमीन संबंधी मामलों के निस्तारण के लिए दिवस विशेष घोषित कर दिया गया है। गलत तरीके से म्यूटेशन को रद्द किया जा रहा है। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है। जहां से भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, उसकी जांच कराई जा रही है। कोई भी व्यक्ति किसी गरीब की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं कर सकता। प्रशासन हर हाल में यह सुनिश्चित करेगा। राज्य सरकार की मंशा है कि संविधान प्रदत्त अधिकार के तहत हर नागरिक को सुरक्षा और स्वाभिमान के साथ जीवन गुजारने का हक है। प्रशासन इसी दिशा में कार्य कर रहा है।