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नेतरहाट विद्यालय : नेशनल स्‍कूल बनने की दौड़ में आगे, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सराहा

नेतरहाट ओल्‍ड ब्‍यॉज एसोसिएशन की अगुआई में नेतरहाट विद्यालय को राष्‍ट्रीय विद्यालय के रूप में स्‍थापित करने पर गहन मंथन हुआ। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने स्‍कूल को संवारने पर जोर दिया।

By Edited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 06:45 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 11:59 AM (IST)
नेतरहाट विद्यालय : नेशनल स्‍कूल बनने की दौड़ में आगे, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सराहा
नेतरहाट विद्यालय : नेशनल स्‍कूल बनने की दौड़ में आगे, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सराहा

रांची, जासं। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारा विद्यालय ऐसा हो जहां से निकलने वाले छात्र जिस किसी भी क्षेत्र में जाएं खुद में संपूर्णता लिए हो। उनका विजन विकसित हो और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। हमारे बच्चों को ज्ञान अर्जित करने के लिए दूसरे देश जाने की जरूरत नहीं पड़े।

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वह रविवार को खेलगांव स्थित राज्य संग्रहालय में नेतरहाट पूर्ववर्ती छात्र संगठन (नोबा) द्वारा आयोजित नेतरहाट श्री महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रही थी। आयोजन में परिचर्चा का विषय गौरवशाली राष्ट्र का निर्माण : राष्ट्रीय विद्यालयों की स्थापना था। विद्यालय का 64वां स्थापना दिवस था।

शिक्षा व संस्कार का पावर हाउस है नेतरहाट : राज्यपाल ने कहा कि नेतरहाट लंबे समय से शिक्षा व संस्कार का पावर हाउस बना है। इसने जन-जन तक ज्ञान का दीपक जलाया है। नेतरहाट ने गुरुकुल का सिस्टम का अनुकरण किया है। बच्चे क्या बनना चाहते हैं वह नहीं देखकर  हम उन्हें क्या बनाना चाहते हैं उसकी बात करते हैं। राज्यपाल ने कहा कि हम स्मार्ट बनें, लेकिन अपनी संस्कृति व परंपरा के साथ ही आगे बढ़ें।

देखें कि 10वीं के बाद क्यूं जाना चाहते छात्र : राज्यपाल ने कहा कि उन्हें पता चला है कि नेतरहाट से 10वीं उत्तीर्ण होने के बाद विद्यार्थी वहां से निकलकर दूसरे विद्यालयों में पढऩा चहते हैं। बच्चे 12वीं यहां से क्यों नहीं करना चाहते हैं इसे देखने की जरूरत है। नोबा के सदस्यों को भी देखना चाहिए। समय के साथ बदलाव की जरुरत भी है। राज्यपाल ने कहा कि वह सरकार से कहेंगी कि शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करें तो नोबा की सलाह लें।

एक्सपीरिमेंट पर चल रहे डिपार्टमेंट्स : राज्यपाल ने कहा कि जितने भी डिपार्टमेंट हैं एक्सपीरिमेंट में चल रहे हैं। आइएएस विदेश जाते हैं। वहां का सिस्टम देखते हैं। उन्हें देखना पड़ेगा कि हमारे लोग क्या चाहते हैं। वहां की कृषि व्यवस्था देखते हैं। हमें वहां की मिट्टी और यहां की मिट्टी की जरूरत के अंतर को समझना पड़ेगा। नियम-परिनिमय अपने हिसाब से बनाने की जरूरत है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए योजना बनाने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि अंग्रेजी जरूरी है, लेकिन पहले अपनी स्थानीय भाषा को जानें।

कितने छात्र इसी विद्यालय में शिक्षक बने : विधानसभाध्यक्ष डॉ. दिनेश उरांव ने कहा कि नेतरहाट की स्थापना देशभर की शिक्षा व्यवस्था की परिकल्पना के तहत हुई थी। वे विधानसभा की एक समिति के सदस्य के तौर पर 2001 में वहां गए थे, वहां की स्थिति चिंताजनक थी। जिस उद्देश्य से विद्यालय की स्थापना हुई थी उस परिकल्पना के अनुसार वहां व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि विद्यालय से पढ़े कितने छात्र हुए जो उस विद्यालय में शिक्षक बनने को तैयार हुए। हमें सभी पहलू को देखना और समझना होगा।

देशभर से छात्र आएंगे तो अधिक सीखेंगे : ग्लोबल नोबा के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि नेतरहाट के छात्र को राज्य भर में बांधकर रख दिया गया है। यहां पूरे देश से छात्र आएंगे तो सीखने की पद्धति का विकास होगा। अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षक, छात्र और वातावरण अहम होते हैं। नोबा के अध्यक्ष डा. अशोक चौधरी ने कहा कि नेतरहाट सर्वांगीण विकास पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जब शिक्षा मंत्री थे तो तीन दिन नेतरहाट में ठहर कर यहां की व्यवस्था को समझे थे। यहां के छात्र चरित्रवान होते हैं।

शिक्षा में उच्च पूंजी निवेश की जरूरत : नेतरहाट के पूर्ववर्ती छात्र व पूर्व प्राचार्य अंजनि पाठक ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उच्च पूंजी निवेश की जरुरत है। जितना निवेश करेंगे देश उतना ही अधिक आर्थिक विकास करेगा। 1958 बैच के पूर्ववर्ती छात्र नित्येश्वर अग्निमित्र ने कहा कि राष्ट्र का निर्माण विद्यालय परिसर में होता है, लेकिन हमारे देश में ऐसा विद्यालय नहीं बन पाया। बच्चों को वंदे मातरम का पाठ पढ़ाया जाए तो हमारी संस्कृति प्रदूषित नहीं होगी। कहा, शिक्षा दोधारी तलवार की तरह है। इससे चाहें तो लोमड़ी भी बना सकते हैं और इंसान भी। पूर्ववर्ती छात्र विजय भास्कर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा में एकरुपता का अभाव है। पूर्ववर्ती छात्र सिद्धेश्वर प्रसाद ने कहा कि यदि हमारी शिक्षा  खुद पर गर्व करना, राष्ट्र को सर्वोपरि रखना नहीं सिखाती तो वह बेकार है। 

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद : अतिथियों ने नेतरहाट की स्मारिका समवेत का लोकार्पण किया। धन्यवाद ज्ञापन पूर्ववर्ती छात्र एके सिन्हा ने किया।  मंच पर विधानसभाध्यक्ष डा. दिनेश उरांव, ग्लोबल नोबा के अध्यक्ष मनोज कुमार, नोबा के अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी, नोबा की पूर्ववर्ती छात्रा सह आरयू के प्रोवीसी डॉ. कामिनी कुमार थीं। समारोह में पूर्ववर्ती छात्र डॉ. अंजनि पाठक, कालीचरण देवघरिया, हरिकृष्ण प्रसाद सिन्हा, नरेंद्र प्रसाद, हरिकिशोर, राजेंद्र गुप्ता, उपेंद्र उपाध्याय, सुरेश झा व अंशुमान चटर्जी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मौके पर पूर्व कुलपति डॉ. केके नाग, अशोक नाग, नोबा सचिव सुनीलचंद्र सहित अन्य थे।


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