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गांवों तक पहुंच ही नहीं पा रहा सरकारी अमला, सूची लिए दर-दर भटक रहे लोग

रांची सरकारी अमले की लाख कोशिशों के बावजूद गरीबों के राशन पर डाका डाला जा रहा है। सरकारी अमला भी लोगों तक पहुंच नहीं पा रहा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 06:46 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 06:46 AM (IST)
गांवों तक पहुंच ही नहीं पा रहा सरकारी अमला, सूची लिए दर-दर भटक रहे लोग
गांवों तक पहुंच ही नहीं पा रहा सरकारी अमला, सूची लिए दर-दर भटक रहे लोग

जागरण संवाददाता, रांची : सरकारी अमले की लाख कोशिशों के बावजूद गरीबों के राशन पर डाका डाला जा रहा है। गरीबों के अनाज की खुलेआम लूट मची है। जरूरतमंद लोगों का राशन सरकारी गोदाम से निकल कर सीधे खुले बाजार में बिक रहा है। राजधानी रांची के अलग-अलग प्रखंडों में जरूरतमंद लोगों को तक अनाज नहीं मिलने की शिकायतें लगातार आती रहती हैं। जन वितरण प्रणाली के दुकानदार बेधड़क सरकार के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। जागरण की टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो बड़ी स्याह हकीकत सामने आई। हकीकत ये है कि हर गरीब को राशन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनीं योजनाएं इसलिए फ्लॉप हो रही हैं क्योंकि सरकारी अमला गांवों तक पहुंच ही नहीं पा रहा। कोई राशन कार्ड में नाम जोड़वाने, कोई नई सूची में नाम शामिल कराने तो कोई सूची में नाम होने के बावजूद नया राशन कार्ड बनवाने के लिए दर-दर भटक रहा है। इतना ही नहीं राशन डीलर एक बार आनलाइन अंगूठा लगवाकर गरीब का दो-दो महीने का राशन डकार जा रहे हैं। ये है कुछ बानगी

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बेड़ो प्रखंड

17 पंचायतों के दर्जनों लोगों को नहीं मिल रहा राशन

बेड़ो प्रखंडवासी राशन कार्ड न होने के कारण पीडीएस का लाभ नहीं उठा पा रहे। सरकार ने गरीब तबके के लोगों के लिए फ्री राशन देने की सुविधा उपलब्ध कराई है, लेकिन अभी भी कई लोगों को इस बात की दिक्कत है कि उनके पास राशन कार्ड ही नहीं है। नई लिस्ट में नाम भी है, लेकिन राशन डीलर के पास वह लिस्ट नहीं आई है। ऐसे में प्रखंड की 17 पंचायत के दर्जनों लोगों को राशन नहीं मिल रहा है। कोरोना संकट काल में अन्न की कमी से जूझ रहे हैं। जिला प्रशासन राशन कार्ड और बगैर राशन कार्ड धारकों को नियमित निश्शुल्क राशन की आपूर्ति की बात कह रहा है, लेकिन गांव में गरीबों के लिए आया राशन बिना किसी जांच पड़ताल के धनवानों के घर पहुंच रहा है। गांवों में सर्वे कराकर गरीब परिवारों की सूची बनवाई गई है। इस सूची में कुछ उच्च वर्ग के लोगों की पत्नियों के नाम जोड़ दिए गए हैं। प्रखंड के चचकोपी पंचायत के चनगनी गांव में चरिया उरांव, बिगो उरांव, फूलो उरांव, रतनी उरांव, जामटोली पंचायत के महुआ टोली के गहनू उरांव व बंधनी उराईन, सिजुआ सेमर टोली के मंटु राम, सहनी उरांव, इडरी के विपैत देवी, जलेश गोप, लक्ष्मी देवी व सागर साहू, मुरतो की विसुन उराईन, जुरा उरांव, पंचु उरांव व बेरो तिग्गा को दो जून की रोटी नसीब नहीं हो पा रही है।

चान्हो प्रखंड

कम राशन देता है डीलर

चान्हो प्रखंड से कुछ जरूरतमंद लोगों को अनाज नहीं मिल रहा है। यहां कई ऐसे परिवार हैं जिनका न तो अंत्योदय कार्ड और न ही पात्र गृहस्थ योजना (पीएचएच) कार्ड है। कुछ लोग ऐसे हैं जिनका कार्ड अपने परिवार के मुखिया के नाम से बहुत पहले बना है। अब परिवार बड़ा हो गया है, लेकिन अब भी उन्हें पांच किलो प्रतिमाह अनाज मिल रहा है। ऐसे लोग डीलर और प्रखंड कार्यालय का चक्कर काटते रहते हैं। सुकरी मुंडा का कहना है कि डीलर राशन कम भी देता है। कई बार तो राशन मिलता ही नहीं है।

ओरमांझी प्रखंड

राशन डीलरों की मिलीभगत से माफिया खा जा रहे अनाज

ओरमांझी प्रखंड में राशन डीलरों की मिलीभगत से अनाज माफिया गरीबों का अनाज खा रहे हैं। यहां के राम सिंह मुंडा बताते हैं कई बार मामले का पर्दाफाश व कालाबाजारी करने वाले सस्पेंड भी हुए, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर वही हालात। क्षेत्र के ज्यादातर गरीबों का अंगूठा लगवा कर राशन डीलर अनाज कम देते हैं। मामला अजीबोगरीब है कि यहां के डीलर मृत व्यक्ति के नाम से भी अनाज डकार लेते हैं। प्रखंड से लेकर जिला के अधिकारियों तक से भी इसकी शिकायत की जा चुकी है। बावजूद गरीबों के अनाज की कालाबाजारी जारी है। डीलर बताते हैं कि राशन माफिया हर डीलर से हर माह चंदा लेते हैं और इसी चंदा के दम पर डीलर खुलकर अनाज की कालाबाजारी करते हैं। चंदा नहीं देने पर विभागीय अधिकारी जांच व छापामारी करते हैं।

बुढ़मू प्रखंड

राशन डीलर राशन माफियाओं व अधिकारियों की मिलीभगत से राशन की कालाबाजारी के लिए बुढमू शुरू से ही बदनाम रहा है। अरमान देव बताते हैं कि इनके लिए लाभुकों से आनलाइन अंगूठा लेना वरदान साबित हो रहा है। राशन डीलर एक बार अंगूठा लगवा कर दो माह का राशन डकार लेते हैं। ऐसी बात नहीं है कि इस बात की जानकारी अधिकारियों को नही हैं। इस चुप्पी के लिए अधिकारियों को माफिया द्वारा हर माह चढ़ावा चढ़ाया जाता है। गांव के गरीब हल्ला मचाते रह जाते हैं और राशन डकार लिया जाता है। कोट

हम लगातार खाद्यान्न आपूर्ति की निगरानी करते हैं। जहां भी शिकायतें प्राप्त होती है विभाग की टीम छापेमारी कर दोषियों पर एफआइआर दर्ज कराती है। हम व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

-शब्बीर अहमद, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, रांची


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