जल संचयन के लिए सरकार को गंभीर होने की जरूरत
दैनिक जागरण के अभियान कितना कितना पानी में लोगों ने कहा कि सरकार को भी गभीर होना होगा।
जागरण संवाददाता, रांची: दैनिक जागरण के कितना-कितना पानी अभियान के तहत रातू रोड स्थिति आर्यपुरी कॉलोनी के लोगों के बीच जल संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। संवाद में शामिल लोगों ने कहा, जल संकट को दूर करने व जल संचयन के लिए आम लोगों के साथ-साथ सरकार को भी गंभीर होना होगा। सरकार सख्त होगी तभी यह संभव है। इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान की तरह बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है। इस दौरान लोगों ने पानी बचाने का संकल्प लिया। 20 साल पहले नहीं थी पानी की किल्लत
मुकेश व ईशा भद्दानी ने कहा, आज से 20 साल पहले यहां पानी की कोई किल्लत नहीं थी। उस समय पीसीसी सड़कें नहीं थी। ज्यादा बोरिग नहीं थे। लेकिन अब स्थितियां बदल गई है। तेजी से निर्माण कार्य होने की वजह से धड़ल्ले से पेड़ काटे जा रहे हैं। इन सब से ग्राउंड वाटर लेवल प्रभावित हुआ है। जागरुकता के साथ सख्त कानून की जरूरत
कुमारी अमृता ने कहा, जागरुकता के साथ सख्त कानून की जरूरत है। बिना एक्शन के यहां कुछ नहीं हो सकता। सरकार को हर घर में जाकर चेक करना होगा, रेन वाटर हार्वेस्टिंग है या नहीं और इसी हिसाब से लोगों पर फाइन भी किया जाना चाहिए। बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत
अमित सिन्हा ने कहा, स्वच्छ भारत अभियान की तरह पानी को लेकर पूरे देश में जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है। हालांकि दैनिक जागरण का प्रयास सराहनीय है। इससे लोगों में जागरुकता आ रही है। पानी के प्रति और संवदेनशील होने की जरूरत
सुनीता कुमारी ने कहा, हम रेन वाटर हार्वेस्टिंग से बड़ी बचत कर सकते हैं। लेकिन पानी बचाने के लिए हमें और संवदेनशील होने की जरूरत है। पानी टंकी ओवर फ्लो के कारण पानी की काफी बर्बादी होती है। इसे रोकने के लिए अनिवार्य रूप से अलार्म लगाना चाहिए। साथ ही हर घर में एक-एक पेड़ लगाना भी अनिवार्य होना चाहिए। डीप बोरिग पर लगे पूरी तरह से रोक
रश्मि रजगढि़या ने कहा, सप्लाई पानी का टाइम टेबल सही होना चाहिए। रघुनाथ प्रसाद ने कहा, वाटर स्टोरेज के लिए सरकार को प्लानिंग करनी चाहिए। दलजीत कौर, माही रॉय, डोली सिन्हा, मयंक, जयदीप सहाय ने कहा, डीप बोरिग पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए। कविता के माध्यम से पानी के महत्व को बताया
प्यास लगे तो पिये पानी, नहाने-धोने में भी पानी।
पौधो में हम डालें पानी, कुत्ता-बिल्ली मांगे पानी
बिना पानी हम जी न पाएं, फिर पानी क्यों व्यर्थ बहाएं।
शनिवार को आर्यपुरी कॉलोनी में आयोजित जल संवाद के दौरा अर्थवदीप ने इस कविता के माध्यम से पानी के महत्व को बताया। मौके पर मोनिका सिन्हा ने कहा, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।
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