रांची सहित झारखंड के 5 प्रमंडलों में बनेगा गो मुक्तिधाम, यहां गोवंश का होगा अंतिम संस्कार
Gou Muktidham Jharkhand News आस्था की रक्षा के लिए झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की ओर से यह पहल की जा रही है। बजट में इसका प्रावधान किया गया है। गो सेवा आयोग के साथ विचार-विमर्श कर योजना को अंतिम रूप दिया जााएगा।
रांची, [ब्रजेश मिश्र]। Gou Muktidham, Jharkhand News झारखंड सरकार ने हिन्दू आस्था से जुड़े गोवंश के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। इसके लिए राजधानी रांची सहित राज्य के सभी पांच प्रमंडलों में गो मुक्तिधाम की स्थापना की जाएगी। प्रथम चरण में यह केंद्र प्रमंडल मुख्यालय में स्थापित किए जाएंगे। दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के अंतर्गत मुख्यालय रांची में गो मुक्तिधाम स्थापित किया जाएगा। आने वाले वर्षों में इसे राज्य के सभी 24 जिलों में स्थापित करने की योजना है। गोवंश के अंतिम संस्कार की पूरी विधि पर निर्णय गो सेवा आयोग के साथ विचार-विमर्श कर लिया जाएगा।
हिंदू समाज में गोवंश को दफनाया जाता रहा है। झारखंड सरकार के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अंतर्गत आने वाले पशुपालन निदेशालय की ओर से तैयार की गई योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में बजट का प्रावधान किया गया है। अलग-अलग केंद्रों के लिए प्रमंडल मुख्यालय में भूमि का आवंटन होने के बाद इस पर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। दरअसल, अब तक गोवंश के अंतिम संस्कार की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है। वर्तमान में गोशाला समितियों की ओर से गोवंश का अंतिम संस्कार किया जाता रहा है। इससे पहले गो मुक्तिधाम की परिकल्पना मध्य प्रदेश में की गई थी।
पांच गो मुक्तिधाम के लिए एक करोड़ का आवंटन
राज्य सरकार की ओर से गो मुक्तिधाम की स्थापना के लिए एक करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक गो मुक्तिधाम पर 20-20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सभी प्रमंडलों में मुक्तिधाम खोलने के लिए जमीन आवंटित की जाएगी। इस बारे में जल्द ही कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की ओर से सभी प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र भेजकर भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी कराने का अनुरोध किया जाएगा। गो मुक्तिधाम की स्थापना के साथ ही प्रमंडलवार हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा।
इन जिलों में प्रथम चरण में स्थापित होंगे गो मुक्तिधाम
प्रमंडल मुख्यालय जिले
पलामू मेदिनीनगर गढ़वा, पलामू, लातेहार
उत्तरी छोटानागपुर हजारीबाग चतरा, हजारीबाग, गिरीडीह, कोडरमा, धनबाद, बोकारो, रामगढ़
दक्षिणी छोटानागपुर रांची रांची, लाेहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी
कोल्हान चाईबासा पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां
संथाल परगना दुमका देवघर, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा, पाकुड़, साहेबगंज
'सरकार गो मुक्तिधाम की स्थापना को लेकर संकल्पबद्ध है। योजना को जमीन पर उतारने में आने वाली सभी व्यावहारिक कठिनाइयों का आकलन करने के बाद ही इसे स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके लिए संबंधित जिलों में सरकारी भूमि आवंटित कराने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। अगर कोई सामाजिक अथवा धार्मिक संस्थान इसके लिए भूमि दान करने के लिए आगे आती है तो हम इसका स्वागत करेंगे।' -नैंसी सहाय, निदेशक, पशुपालन विभाग, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड।
वर्तमान में कुछ ऐसी है व्यवस्था
वर्तमान में रांची जिले में रांची गोशाला न्यास के अंतर्गत तीन गोशालाएं संचालित हैं। इसमें से दो गोशालाओं में गोवंश के पालन के साथ-साथ अंतिम संस्कार की व्यवस्था है। इसके लिए अलग से स्थान आवंटित है। यहां गोशालाओं के साथ बाहर मृत्यु को प्राप्त होने वाले गोवंश को दफनाने की अनुमति न्यास की ओर से प्रदान की जाती है। अगर किसी बाहरी व्यक्ति के गोवंश की मौत हो गई तो वह न्यास के समक्ष इस संबंध में आवेदन दे सकता है। गोवंश को वाहन पर लादकर लाने से लेकर दफनाने तक का दायित्व न्यास वहन करता है। इसके लिए एक न्यूनतम शुल्क निर्धारित है।
झारखंड प्रादेशिक गोशाला संघ के संयुक्त सचिव तथा रांची गोशाला न्यास के सह सचिव प्रमोद सारस्वत ने बताया कि सरकार की ओर से योजनाओं की घोषणाएं कर दी जाती है। जमीनी स्तर पर उनका क्रियान्वयन नहीं होता। गो मुक्तिधाम की स्थापना में सबसे बड़ी समस्या जमीन की है। सरकार को सबसे पहले इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। अगर रांची गोशाला न्यास को जमीन आवंटित कर दी जाए तो 25 लाख रुपये की लागत से वह गो मुक्तिधाम की परिकल्पना को साकार करने में सक्षम है।