Make Small Strong: ग्राहकों की अपेक्षा पर खरे उतरे, 2 वर्ष में ही भाई-बहन ने सैलून बिजनेस में बनाई विशेष पहचान
Google Make Small Strong कोरोना के दौर ने व्यापार की चुनौतियों से जूझना सिखाया और फिर कामयाबी मिली। वहीं अनलाॅक में सैलून में सुरक्षा मानकों के इस्तेमाल पर खरा उतरे। इससे स्मिता प्रिया और उनके भाई मोहित प्रशांत ने ग्राहकों का दिल जीता।
रांची, जासं। कोरोना संक्रमण ने पूरी मानवता के समक्ष गंभीर चुनौती पेश की। कुछ लोगों ने इन चुनौतियों के आगे हार मानने की बजाय इसका डटकर मुकाबला किया। संक्रमण काल ने व्यापारियों को चुनौतियों के साथ व्यापार की कमियों को भी समझने का बड़ा वक्त दिया। सैलून का बिजनेस इस कोरोना संक्रमण के दौर में बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
मगर रांची में नैचुर्लस और बी फार यू की संचालिका स्मिता प्रिया और उनके भाई मोहित प्रशांत ने सारी परेशानियों का डटकर मुकाबला किया। वहीं अनलाक में ग्राहकों की अपेक्षा और सैलून में सुरक्षा मानकों के इस्तेमाल पर खरा उतरे। इससे उन्होंने ग्राहकों का दिल जीता। केवल दो वर्ष में ही दोनों भाई-बहन ने सैलून बिजनेस में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है।
स्मिता बताती हैं कि कोरोना का संक्रमण काल सैलून व्यापारियों के लिए एक बड़ा सबक बनकर सामने आया। संक्रमण काल में अपने व्यापार की नींव को परखने का मौका मिला। बड़ी बात यह कि इस लॉकडाउन के दौरान हमने अपने कर्मचारियों की हरसंभव मदद की। उनकी अतिरिक्त आय के लिए उन्हें होम सर्विस की इजाजत दी। इस मुश्किल वक्त ने कर्मचारियों और हमारे रिश्ते को भी मजबूत किया है।
सुरक्षा के भाव से लोगों में जगाया विश्वास
स्मिता प्रिया बताती हैं कि कोरोना के बाद सैलून का बिजनेस एकदम शिथिल पड़ गया। लोगों में डर था कि वे सैलून जाने से कहीं संक्रमित न हो जाएं। ऐसे में उन्होंने विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करके लोगों तक यह संदेश पहुंचाया कि नैचुर्लस सैलून और बी फार यू में कोरोना संक्रमण से बचने के सारे गाइडलाइन का पालन किया जाता है। सैलून में आने वाले ग्राहकों के शरीर का तापमान लेने के साथ ही एक ग्राहक के लिए इस्तेमाल किए गए टूल को दूसरे ग्राहकों पर इस्तेमाल नहीं किया जाता।
साथ ही ज्यादातर डिस्पोजेबल आइटम का इस्तेमाल किया जाता है। स्मिता बताती हैं कि सैलून के काम में लोगों के सीधे संपर्क में आना पड़ता है। ऐसे में कर्मचारियों और अन्य ग्राहकों की सुरक्षा को हमने पूरी तरह से सुनिश्चित किया। लोगों को संक्रमण के बारे में जागरूक करने के लिए हमने ग्राहकों को कॉम्प्लिमेंट्री सैनिटाइजर देना भी शुरू किया। इससे लोगों में सुरक्षा का भाव बढ़ा।
ग्राहकों के लिए कम कर दिया रेट
स्मिता प्रिया बताती हैं कि कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के कारण लोगों के पाॅकेट पर काफी असर पड़ा है। लोग पैसे की कमी के कारण सैलून में आने से कतरा रहे थे। ऐसे में हमने अपने ग्राहकों के बजट का भी ध्यान रखा। हमने कई मंहगे ट्रीटमेंट के दामों में कटौती की। सैलून खुलने के बाद नो प्राॅफिट नो लाॅस पर हम काम कर रहे हैं। हालांकि दामों में कटौती करने का यह मतलब नहीं है कि हमने अपनी क्वालिटी से समझौता किया। हमारा सैलून अपने ग्राहकों को हमेशा एक जैसा क्वालिटी सर्विस देने के लिए जाना जाता है।
ग्राहकों के बदलाव को समझा
कोरोना काल के बाद ग्राहकों की समझ में बड़ा बदलाव आया है। अब उन्हें कम पैसे में बेहतर सर्विस की जरूरत है। स्मिता प्रिया बताती हैं कि बाजार में कई लोग हैं जो बेहतर सर्विस देने का वादा करते हैं। मगर हम रिजल्ट ओरिएंटेड सर्विस देते हैं। ग्राहक को अगर एक सर्विस में रिजल्ट नहीं मिलेगा तो वे किसी भी हाल में दूसरे सर्विस के लिए हमारे पास नहीं आएंगे। इसलिए हम अपने सैलून में केवल ब्रांडेड और ट्रस्टेड एंड टेस्टेड उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं।
मेहनत कर जमीन से उठाया है व्यापार
स्मिता प्रिया ने जेवियर कालेज से एमबीए किया है। इसके बाद कई वर्ष तक इंश्योरेंस सेक्टर में काम किया। इस बीच उनकी निजी जिंदगी में बड़ी उथल-पुथल हुई। ऐसे में उनके पिता ने उन्हें संभाला। बाद में भाई की सलाह पर उन्होंने नौकरी छोड़ दी और दिल्ली स्किन एंड ब्यूटी इंडस्ट्री से जुड़े कुछ कोर्स किए। इसके बाद कुछ अन्य ब्रांड में करीब छह वर्ष उन्होंने काम करके अनुभव प्राप्त किया।
2018 में उन्होंने एक साथ रांची में दो ब्रांडेड सैलून खोला। स्मिता बताती हैं कि वो जमीन से जुड़ी हैं। इसलिए अपने बेटे को भी जमीन से जुड़ा होना सिखाती हैं। उनका मानना है कि व्यापार में दो अहम चीजें है जो किसी को भी लंबे समय तक टिकाकर रखती है। इसमें से एक है काम और ग्राहकों के प्रति ईमानदारी और दूसरी क्वालिटी सर्विस। इन्हीं दो चीजों की बदौलत वह अपने सैलून बिजनेस को आगे बढ़ा रही हैं।