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JPSC Exam आवेदकों के लिए अच्‍छी खबर, उपायुक्तों व अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाणपत्र भी मान्य

JPSC 2021 Exam Date जेपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए उपायुक्तों व अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा पूर्व में जारी जाति प्रमाणपत्र को मान्यता मिली है। आयोग ने बुधवार को इस संबंध में सूचना जारी कर दी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 07:05 PM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 08:21 PM (IST)
JPSC Exam आवेदकों के लिए अच्‍छी खबर, उपायुक्तों व अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाणपत्र भी मान्य
आयोग ने बुधवार को इस संबंध में सूचना जारी कर दी।

रांची, राज्य ब्यूरो। GOOD NEWS for JPSC Exam Applicants झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होनेवाली संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में कार्मिक विभाग द्वारा 25 फरवरी 2019 को जारी पत्र के पूर्व सक्षम प्राधिकार जैसे अनुमंडल पदाधिकारी/उपायुक्त द्वारा पूर्व में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार निर्धारित प्रपत्र में जारी जाति प्रमाणपत्र भी मान्य होंगे। आयोग ने बुधवार को इस संबंध में सूचना जारी कर दी।

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आयोग द्वारा जारी सूचना में यह भी कहा गया है कि उक्त पत्र के अनुसार झारखंड सरकार में नियोजन हेतु आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए अत्यंत पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग का क्रीमीलेयर रहित प्रमाणपत्र की वैधता अगले आदेश तक की होगी, किंतु क्रीमीलेयर में नहीं होने संबंधी अद्यतन स्व-घोषणापत्र संलग्न करने पर ही विगत वित्तीय वर्ष अथवा उसके पूर्व निर्गत क्रीमी लेयर रहित प्रमाणपत्र मान्य किए जाएंगे। यह भी कहा गया है कि झारखंड सरकार के अधीन पदों पर नियुक्ति हेतु आवेदन करने के लिए अत्यंत पिछड़ा वर्ग/पिछड़ा वर्ग के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत किए जानेवाले क्रीमी लेयर रहित प्रमाणपत्र की वैधता निर्गत होने की तिथि से एक वर्ष के लिए होती है।

ट्यूशन से आजीविका चलानेवाले को मिले सामाजिक सुरक्षा

भारतीय गैर सरकारी संघ एवं समाजसेवी संस्था के अध्यक्ष डॉ. परमानन्द जोशी एवं डॉ. एसडी प्रसाद ने गुरुवार को राजभवन में राज्यपाल के आप्त सचिव को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में कहा गया कि कोरोना काल की विषम परिस्थिति में निजी विद्यालयों के शिक्षकों/कर्मियों तथा ट्यूशन के माध्यम से आजीविका चलाने वाले शिक्षकों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। ऐसे में ट्यूशन के माध्यम से आजीविका चलाने वाले शिक्षकों को सरकार द्वारा जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा एवं सामाजिक सुरक्षा योजना से आच्छादित किया जाय। सरकार द्वारा एक तय समय के बाद पेंशन के रूप में कुछ राशि सुलभ भी कराया जाए।


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