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कोरोना पॉजिटिव मां को अस्पताल में छोड़कर भागे बेटा-बहू, नर्सों ने बताया मानवता अभी जिंदा है...

Jharkhand News कोरोना महामारी के मौजूदा दौर में दिल को सुकून देने वाली खबर आई है। सिस्टम पर उठने वाले लाख सवालों के बीच यह खबर भरोसा पैदा करती है। विश्वास कायम करती है। सबकुछ ठीक हो रहा है। सबकुछ ठीक हो जाएगा। जानलेवा बीमारी से मानवता मरी नहीं है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 11:20 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 03:50 AM (IST)
कोरोना पॉजिटिव मां को अस्पताल में छोड़कर भागे बेटा-बहू, नर्सों ने बताया मानवता अभी जिंदा है...
Jharkhand News: कोरोना महामारी के मौजूदा दौर में दिल को सुकून देने वाली खबर आई है।

रांची, [ब्रजेश मिश्र]। Jharkhand News कोरोना महामारी के मौजूदा दौर में दिल को सुकून देने वाली खबर आई है। सिस्टम पर उठने वाले लाख सवालों के बीच यह खबर भरोसा पैदा करती है। विश्वास कायम करती है। सबकुछ ठीक हो रहा है। सबकुछ ठीक हो जाएगा। बीमारी के घातक हमले के बावजूद मानवता मरी नहीं है। यह जिंदा है। जिंदा रहेगी। जिंदा रहनी चाहिए। रांची के कोविड स्पेशल सदर अस्पताल की एक घटना यकीन को नई ऊर्जा से भर देती है।

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62 वर्ष से अधिक उम्र की एक महिला को परिवार के कुछ लोग गत 29 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराकर चले गए। दो मई को महिला की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। इसके बावजूद परिवार का कोई शख्स महिला को देखने नहीं आया। अस्पताल में काम करने वाली नर्सों ने चिकित्सकों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसकी सूचना दी। एक तरफ जहां लोग अपने परिवार के लोगों के लिए दवाएं और ऑक्सीजन की व्यवस्था में जुटे थे। वहीं वृद्ध महिला का कोई हालचाल लेने वाला नहीं था।

ऐसे में अस्पताल की व्यवस्था से जुड़े चार आइएएस अधिकारियों से लेकर चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने महिला का ख्याल रखना शुरू किया। महिला को शौच कराने के लिए पहुंचाने से लेकर बाल झाड़ने, कपड़े पहनाने का दायित्व नर्सों ने निभाया। दवा और सेवा का असर हुआ। वृद्ध महिला ने पंद्रह दिनों में बीमारी को मात दे दी। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद तीन दिनों तक परिवार के लोगों का इंतजार किया गया। कोई नहीं आया।

निर्णय किया गया कि महिला के स्थाई आश्रय की व्यवस्था की जाए। रांची के उपायुक्त छवि रंजन, सदर अस्पताल की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी गरिमा सिंह, उप विकास आयुक्त विशाल सागर तथा एसडीओ रांची उत्कर्ष गुप्ता ने आपस में चर्चा की। तय किया गया कि महिला को वृद्धाश्रम में रखा जाए। जहां उसके खाने-पीने से लेकर सभी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध हो सकेंगी। बुधवार को महिला को एंबुलेंस में बैठाकर वृद्धाश्रम भेज दिया गया।

हमें लगा, हमारी मां मिल गई

अस्पताल में वृद्ध महिला का ख्याल रखने वाली सिस्टर शशि बरला ने बताया कि अस्पताल में भर्ती लोगों को देखने परिवार के लोग आते हैं। इस महिला को देखने कोई नहीं आ रहा था। यह महिला तेलगू भाषा बोल रही थी। यह समझ में नहीं आ रहा था। लिहाजा उसे किसी तरह की परेशानी न हो। इस लिए ड्यूटी पर आने वाली सभी नर्सों व चिकित्सकों ने मिलकर इनकी देखभाल शुरू की। हमें लगा अस्पताल में हमें मां मिल गई हैं।

जिनकी सेवा का अवसर ईश्वर ने हमें दिया है। डा. अंशु टोप्पो, डा.एस अली, डा. ललिता मिंज, डा. वरूण ने समय-समय पर आकर इनका इलाज किया। अस्पताल की सीइओ गरिमा सिंह, एसडीओ सदर उत्कर्ष गुप्ता के साथ-साथ उपायुक्त छवि रंजन व डीडीसी विशाल सागर लगातार महिला को हालचाल लेते रहे। आखिरकार महिला ने बीमारी से जंग जीत ली। महिला का इलाज अस्पताल के चौथे तल्ले पर चल रहा था।

परिवार की तलाश जारी, अस्पताल के चिकित्सक ने जारी किया मोबाइल नंबर

महिला की सेवा करने के साथ-साथ अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन लगातार परिवार की तलाश कर रहा है। अस्पताल के चिकित्सक डा. अजीत कुमार ने इसके लिए अपना मोबाइल नंबर जारी किया है। अपील हैं कि अगर कोई व्यक्ति इनके परिजनों के बारे में जानकारी देना चाहते तो मोबाइल नंबर 9431182597, 7488340485 पर संपर्क कर सकता है। जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।


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