भूमाफिया को दें 25 हजार से एक लाख, एचईसी एरिया में बनाये घर
रांची एचईसी अधिकृत जमीन पर भू-माफिया 25 हजार से एक लाख रुपये लेकर अवैध निर्माण करवा रहे हैं। एचईसी प्रबंधन को जानकारी होने के बाद भी अधिकारी मौन है।
जागरण संवाददाता, रांची : एचईसी अधिकृत जमीन पर भू-माफिया 25 हजार से एक लाख रुपये लेकर अवैध निर्माण करवा रहे हैं। यह सब एचईसी प्रबंधन के नाक के नीचे हो रहा है। इतना ही नहीं इन इलाकों में खुले आम अवैध निर्माण के साथ जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। भू-माफिया यहां बसाने के लिए लोगों को प्लाट व जगह के हिसाब से 25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक वसूल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी एचईसी प्रबंधन को नहीं है, जानकारी के बावजूद इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसी का फायदा उठाकर भू-माफिया उगाही करने में लगे हुए हैं। हालांकि पहले निर्माण कार्य केवल रविवार को और रात में होते थे। लेकिन अब भू-माफियाओं के सह पर दिन में ही धड़ल्ले से निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। फ्लैट दिए जाने की घोषणा के बाद, उग आई दर्जनों झुग्गी झोपड़ियां
पिछले कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एचईसी की 108 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से रहने वाले झुग्गी झोपड़ी वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैट दिए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद से इलाके में कई स्थानों पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यहां लोग झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहने लगे हैं। और यह दिनों दिन जारी है। जांच के लिए गठित एजेंसी की मिली भगत से चल रहा खेल
एचईसी मुख्यालय से महज एक किलोमीटर दूरी पर पिछले एक महीने में दर्जनों निर्माण कार्य हुए हैं। इसमें पक्के व कुछ अस्थाई निर्माण शामिल हैं। इस रास्ते से होकर एचईसी के अधिकारी भी आवागमन करते हैं। अतिक्रमण की जानकारी उन्हें भी है लेकिन यह जानते हुए भी आंखें बंद किए हुए हैं। निर्माण करने वाले लोगों का कहना है कि उनके द्वारा निर्माण करने के लिए पैसे दिए हैं। जो इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि उनके निर्माण में एचईसी के जांच एजेंसियों के द्वारा कोई खलल नहीं डाली जाएगी। प्रबंधन बना रहा केवल जांच का प्लान
इस मामले में प्रबंधन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इसके लिए जांच एजेंसी के द्वारा एक वृहद प्लान बनाया गया है। इसके तहत ओल्ड सीटी, स्टील सीटी के आसपास और मौसीबाड़ी के आसपास लगातार छापेमारी करके लोगों को नए निर्माण करने से रोका जाएगा। इस बारे में जरूरत होने पर पुलिस की भी मदद ली जाएगी।