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स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं को किया जाएगा जागरुक, महिला हिंसा-उत्पीडऩ की दी जाएगी जानकारी

Jharkhand. महिला पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के स्कूल-कॉलेजों की छात्राओं को उनके अधिकार की जानकारी देंगी। इसे लेकर आज रांची में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 08:04 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 08:04 PM (IST)
स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं को किया जाएगा जागरुक, महिला हिंसा-उत्पीडऩ की दी जाएगी जानकारी
स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं को किया जाएगा जागरुक, महिला हिंसा-उत्पीडऩ की दी जाएगी जानकारी

रांची, राज्य ब्यूरो। अब स्कूल-कॉलेज की छात्राएं भी अपने अधिकार जानेंगी। उन्हें भी महिला हिंसा, महिला उत्पीडऩ से संबंधित नियम व कानून की जानकारी दी जाएगी, ताकि वे बंधन तोड़ खुलकर इसका विरोध कर सकें। उन्हें स्वावलंबी बनाएंगी राज्य की महिला पुलिस पदाधिकारी, जिन्हें नियम व कानून से अवगत कराने के लिए रांची के प्रेस क्लब में शनिवार को 'बंधन तोड़ो कार्यक्रम' पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

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झारखंड पुलिस व गैर सरकारी संस्था जेंडर अलायंस ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम को आयोजित किया था ताकि राज्य भर की महिला थानेदारों, महिला पदाधिकारियों को महिला हिंसा, महिला उत्पीडऩ, आइपीसी व पोक्सो अधिनियम के प्रत्येक बिंदुओं की जानकारी दी जा सके। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य निर्वाचन आयुक्त एनएन पांडेय के अलावा सीआइडी के एडीजी अनुराग गुप्ता, एसपी मनोज रतन चोथे, महिला इंस्पेक्टर सुनीता नूतन कच्छप व जेंडर अलायंस की प्रशांति तिवारी थीं।

राज्य निर्वाचन आयुक्त एनएन पांडेय ने कहा कि ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए ताकि पुलिस अफसर नियम-कानूनों की बेहतर जानकारी रख सकें। पीडि़त महिला से कैसा व्यवहार करें, उन्हें कैसे न्याय दिलाएं, इसके लिए ऐसे आयोजन जरूरी हैं। एडीजी अनुराग गुप्ता ने कहा कि महिला थाना को सशक्त बनाने की दिशा में यह अच्छी पहल है। ऐसे थानों के मूलभूत आवश्यकताओं को भी पूरा किया जा रहा है। राज्य में एससी/एसटी थाना व महिला थाना लोगों की सहुलियत के लिए है। इसका मतलब यह नहीं हुआ कि अगर सामान्य थाने में कोई शिकायत लेकर जाए तो उसकी शिकायत को टाल-मटोल किया जाय।

सामान्य थाने में भी महिलाओं से संबंधित शिकायतों को सुना जाना चाहिए। एसपी मनोज रतन चोथे ने कहा कि स्कूल-कॉलेज में लड़कियों को गुड टच, बैड टच की जानकारी, नियम-कानून की जानकारी दी जानी चाहिए। ऐसा करने से छात्राएं अपने आसपास की गतिविधियों पर नजर रख सकेंगी। इससे एसिड अटैक या अन्य आपराधिक वारदातों को रोका जा सकेगा। कार्यशाला में राज्यभर से आईं महिला थानेदारों, महिला पुलिस पदाधिकारियों को महिला हिंसा, महिला उत्पीडऩ व इसे रोकने से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।


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