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मिनटभर की देरी पर एक साल की सजा, 3 मिनट देर से पहुंची छात्रा को नहीं देने दी परीक्षा

12वीं की परीक्षा के दौरान केंद्र पर तीन मिनट देर से पहुंचना प्रियंका को काफी महंगा पड़ गया। जब सभी कोशिशों के बावजूद छात्रा और उसके पिता दोनों को निराशा हाथ लगी उनके आंसू छलक गए।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 06:29 AM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 05:28 AM (IST)
मिनटभर की देरी पर एक साल की सजा, 3 मिनट देर से पहुंची छात्रा को नहीं देने दी परीक्षा
मिनटभर की देरी पर एक साल की सजा, 3 मिनट देर से पहुंची छात्रा को नहीं देने दी परीक्षा

रांची, जासं। मिनटभर की देरी कभी किसी के जीवन को कितना पीछे धकेल सकती है, करियर को कितना नुकसान पहुंचा सकती है, शायद इसका अंदाजा हम सब को न हो। लेकिन एक होनहार छात्रा इसके दंश को बुरी तरह झेल रही है। परीक्षा के लिए तय समय के हिसाब से ऐन वक्‍त पर तीन मिनट लेट पहुंचने वाली छात्रा प्रियंका की इस साल की तमाम तैयारियां धरी की धरी रह गईं। वह राजधानी रांची के डीएवी कप‍िलदेव पब्लिक स्‍कूल में परीक्षा देने पहुंची थी, लेकिन समय निकल जाने के कारण उसे एंट्री नहीं दी गई। परीक्षा छूटने के कारण यह छात्रा और उसका परिवार मानसिक रूप से काफी उद्वेलित है। साल खराब होने के चलते यह छात्रा साथियों से किसी सूरत में पिछड़ना नहीं चाहती।

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गुरुवार को सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा में परीक्षा केंद्र पर तीन मिनट देर से पहुंचना एक होनहार छात्रा को भारी पड़ गया। प्रियंका को काफी महंगा पड़ गया। इस दौरान छात्रा प्रियंका कुमारी के पिता ने प्रिंसिपल के पैर तक पकड़े, लेकिन उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिली। करीब डेढ़ घंटे तक छात्रा और उसके पिता स्कूल के मुख्य द्वार पर ही खड़े रहे। इस दौरान अरगोड़ा के सीओ भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी डीएवी कपिलदेव के प्रिंसिपल एमके सिन्हा से बात की, लेकिन बात नहीं बनी। प्रिंसिपल एमके सिन्हा ने छात्रा को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने से साफ इन्कार कर दिया।

इधर झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए रांची के उपायुक्‍त और सीबीएसई को टैग करते हुए ट्विटर पर संदेश लिखकर छात्रा के लिए मौका उपलब्‍ध कराने की हिदायत की है। सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कृपया इस मामले में ध्‍यान दें, बच्‍ची का एक वर्ष बर्बाद न हो, ऐसी व्‍यवस्‍था करें। हेमंत सोरेन ने अपने ट्वीट के जरिये राज्‍यभर के स्‍कूलों के ऐसे संवेदनशील मामलों में छात्रों के हित में फैसला लेने की अपेक्षा रखी है। सीएम ने लिखा- प्रदेश के सारे विद्यालयों से आग्रह है की ऐसे छोटे मामलों में संवेदनशीलता बरतें।

इधर छात्रा को परीक्षा में नहीं बैठने देने के क्रम में मौके पर झामुमो के स्थानीय नेता भी पहुंचे। उन्होंने भी छात्रा को इंट्री दिलाने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जब सभी की कोशिशों के बावजूद छात्रा को निराशा हाथ लगी, तो छात्रा और उसके पिता दोनों की आंखों से आंसू छलक गए।  इस पर स्थानीय लोगों ने उन्हें काफी समझाया। 12वीं की परीक्षा दे रही प्रियंका धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर की छात्रा है। इस स्कूल का परीक्षा केंद्र कडरू स्थित डीएवी कपिलदेव को बनाया गया है। इस घटना के बाद डीएवी के छात्रों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छात्रों का कहना है कि तीन मिनट देर से पहुंचने पर किसी को परीक्षा में बैठने की अनुमति न देना गलत है। 

आज छात्र-छात्राएं स्कूल प्रबंधन के विरोध में करेंगे प्रदर्शन

शुक्रवार को डीएवी कपिलदेव स्कूल के 10वीं, 11वीं व 12वीं के छात्र -छात्राएं इस घटना के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। 11वीं के एक छात्र ने बताया कि सभी दोपहर 12 बजे स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। छात्रों ने यह भी कहा कि स्कूल में सीबीएसई के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। सीबीएसई के नियमों के मुताबिक एक क्लास में अधिकतम 40-45 स्टूडेंट्स होने चाहिए। लेकिन यहां हर क्लास में 65 छात्र हैं।  

परीक्षा में नियमानुसार दस बजे तक ही इंट्री मिलनी है। यह सीबीएसई का नियम है। छात्रा विलंब से पहुंची थी। ऐसे में परीक्षा में शामिल होने देना संभव नहीं था। एमके सिन्हा, प्रिंसिपल, डीएवी कपिलदेव।


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