International Women's Day 2020: पढ़ाई में बढ़े बेटियों के कदम, बेटों की तुलना में कम छोड़ती हैं स्कूल
International Womens Day 2020 आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में खुलासा। अगली कक्षाओं में प्रमोशन में भी लड़कों से आगे लड़कियां। स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों में बेटियां लड़कों से आगे
रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। International Women's Day 2020 महिला दिवस से पहले एक सुखद खबर आई है। झारखंड जैसे राज्य में जहां गरीबी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई छूट जाती है, वहां बेटियों ने विपरीत परिस्थितियों में भी पढ़ाई के प्रति अपना जुनून कायम रखा है। हाल की रिपोर्ट बताती है कि इनकी स्कूल छोडऩे की दर बेटों की तुलना में कम है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह स्थिति स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर है। इतना ही नहीं, अगली कक्षाओं में प्रमोशन में भी बेटियां लड़कों से आगे हैं।
पिछले दिनों विधानसभा में प्रस्तुत झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में ये बातें सामने आई हैं। इसके अनुसार, राज्य में पहली बार जहां लड़कियों का ड्रॉप आउट प्रतिशत घटा है, वहीं दूसरी कक्षाओं में इनके प्रमोशन की दर भी बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में जहां बालिकाओं के नामांकन दर में वृद्धि हुई है, वहीं शिक्षा के कई मानकों में भी इनका प्रदर्शन बालकों की अपेक्षा बेहतर रहा है। शिक्षा के सभी स्तरों पर लड़कियों के प्रमोशन की दर लड़कों से बेहतर है।
ड्राप आउट की बात करें तो प्राथमिक स्तर पर 7.4 फीसद लड़के स्कूल छोड़ देते, जबकि लड़कियों की दर महज 6.2 फीसद है। आंकड़े बताते हैं कि प्राथमिक के अलावा माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर पर भी लड़कियों की स्कूल छोडऩे की दर लड़कों से कम है। परीक्षा पास कर अगली कक्षाओं में प्रमोशन की बात करें तो प्राथमिक में 91 फीसद लड़के दूसरी कक्षाओं में जाते हैं। लड़कियों में यह दर 92.3 फीसद है माध्यमिक स्तर पर भी लड़कियां बेहतर स्थिति में हैं। अलबत्ता उच्च माध्यमिक स्तर में इसमें कोई अंतर नहीं है।
शिक्षा में लैंगिक समानता में कमी
शिक्षा में लैंगिक समानता (जेंडर पैरिटी इंडेक्स-जीपीआइ) का आकलन शिक्षा में लड़कों की तुलना में लड़कियों की सहभागिता से होता है। यदि जीपीआइ इंडेक्स एक है तो समझा जाता है कि शिक्षा में लैंगिक समानता है। यदि यह दर एक से कम है तो समझा जाता है कि लड़कियों की शिक्षा के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है। यदि यह वैल्यू एक से अधिक है तो माना जाता है कि स्थिति लड़कियों के लिए अनुकूल है।
झारखंड की बात करें तो अपर प्राइमरी स्तर को छोड़ दें तो स्कूली शिक्षा के सभी स्तर पर यह इंडेक्स एक से कम है। प्रारंभिक स्तर पर यह 0.94, उच्च प्रारंभिक स्तर पर 1.01, प्राथमिक स्तर पर 0.96, माध्यमिक स्तर पर 0.99 तथा उच्च प्राथमिक स्तर पर यह इंडेक्स 0.91 है। इसके बावजूद यहां की लड़कियां लड़कों से बेहतर कर रही हैं। आंकड़े यह भी बताते हैं कि झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिंक समानता लाने के लिए काफी काम किया जाना बाकी है।
ऐसे बेहतर हैं लड़कियां
ड्राप आउट
स्तर बालक बालिका
प्राथमिक 7.4 6.2
माध्यमिक 13.4 12.9
उच्च माध्यमिक 17.8 17.7
अगली कक्षाओं में प्रमोशन
स्तर बालक बालिका
प्राथमिक 91.0 92.3
माध्यमिक 84.5 84.9
उच्च माध्यमिक 80.6 80.6