Jharkhand: कोरोना का स्वरूप जानने के लिए 5% सैंपल का होगा जीनोम सर्विलांस
Nature of Coronavirus in Jharkhand कोरोना के नए स्वरूप की पहचान के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार को दिशानिर्देश भेजा है। 23 नवंबर से झारखंड में पाॅजिटिव पाए गए सैंपल में से 328 की जीनोम सिक्वेंसिंग होगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। Coronavirus Genome Structure झारखंड में पाए गए कोरोना का स्वरूप जानने के लिए पूर्व में पाजिटिव पाए गए सैंपल में से पांच फीसद सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग होगी। इससे यह पता चलेगा कि उनमें कोरोना का नया स्वरूप तो मौजूद नहीं है। जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल कोलकाता स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स, कल्याणी भेजे जाएंगे। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को विस्तृत दिशानिर्देश भेजे गए हैं।
भेजे गए निर्देश के अनुसार राज्य में 23 नवंबर से 22 दिसंबर तक पॉजिटिव पाए गए सैंपल में पांच फीसद सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग होगी। सैंपल का चयन रैंडम किया जाएगा। इस दौरान राज्य में 5729 सैंपल पॉजिटिव पाए गए थे। इस तरह 286 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी। हालांकि यह इसपर भी निर्भर करेगा कि लैब में उक्त अवधि के कितने सैंपल अभी भी जमा हैं। खासकर प्राइवेट लैब सैंपल को इतने दिनों तक स्टोर नहीं करते।
बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्वरूप मिलने के बाद वहां से भारत लौटनेवाले हर व्यक्ति की कोरोना जांच के अलावा सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है। साथ ही पूर्व के सैंपल का भी जीनोम सिक्वेंसिंग कराने का निर्णय लिया गया है। जीनोम सिक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस की कुंडली होती है। इससे वायरस के सही स्वरूप का पता चलता है। इससे यह भी पता चलेगा कि यह कितना खतरनाक है।