अरविंद के बाद नक्सली इंद्रजीत ने संभाली बूढ़ा पहाड़ की कमान
- बिहार की गया जेल में बंद इंद्रजीत जेल से ही बूढ़ा पहाड़ के नक्सलियों को दे रहा दिशा-निदे
- बिहार की गया जेल में बंद इंद्रजीत जेल से ही बूढ़ा पहाड़ के नक्सलियों को दे रहा दिशा-निर्देश राज्य ब्यूरो, रांची : बिहार-झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ पर एक करोड़ के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य अरविंद की मौत के बाद नक्सलियों को अब नया नेतृत्व मिल गया है। कुख्यात नक्सली इंद्रजीत ने बूढ़ा पहाड़ पर चल रही नक्सली गतिविधियों की कमान संभाल ली है। वह बिहार की गया जेल में बंद है। वहीं से वह बूढ़ा पहाड़ पर डटे हुए बिहार के लगभग दर्जनभर माओवादियों के संपर्क में है। उनसे इंद्रजीत की लगातार बातचीत हो रही है। बूढ़ा पहाड़ के ऐसे सभी नक्सलियों का पूरा ब्योरा, उनका नाम व पता पुलिस जुटा चुकी है। सूचना यह भी है कि एक करोड़ के इनामी सुधाकर उर्फ सुधाकरण भी लातेहार के रास्ते अब बूढ़ा पहाड़ पर पहुंच गया है।
पुलिस मुख्यालय ने खुफिया विभाग से मिली इस रिपोर्ट से केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराया है ताकि ठोस रणनीति बनाई जा सके। बूढ़ा पहाड़ पर बिहार, झारखंड व छत्तीसगढ़ पुलिस मिलकर नक्सल विरोधी अभियान चला रही है। सीमावर्ती इलाकों में 'ऑपरेशन क्लीन' के तहत घेराबंदी की गई है, इसके बावजूद नक्सलियों के यहां-वहां जाने की सूचना भी खुफिया विभाग को मिली है।
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अरविंद की मौत के बाद सक्रिय हुई पुलिस तो मिली जानकारी
एक करोड़ के इनामी नक्सली अरविंद की मौत के बाद जब पुलिस रेस हुई तो यह जानकारी हाथ लगी। जिस नक्सली ने अरविंद की पत्नी व बेटे को उनकी मौत की सूचना दी थी, उसी नक्सली ने बूढ़ा पहाड़ की कई सूचनाएं पुलिस तक पहुंचाई है। अरविंद की पत्नी व बेटे को पुलिस ने उठाकर पूछताछ की तो कई अहम जानकारियां हाथ लगीं। तकनीकी माध्यम से पुलिस गया जेल व बूढ़ा पहाड़ के कनेक्शन तक पहुंची है।
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