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गढ़वा में एएसआइ ने दुकानदार को दी जान से मारने की धमकी, इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल, एसपी ने किया सस्‍पेंड

झारखंड के गढ़वा जिले में पुलिस के एक एएसआई की ओर से दुकानदार को जान से मारने की धमकी देने का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है। पुलिस की जांच रिपोर्ट में पता चला है कि वीडियो सही है। आरोपित एएसआई को निलंबित किया गया है।

By Brajesh MishraEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 08:52 AM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 08:52 AM (IST)
गढ़वा में एएसआइ ने दुकानदार को दी जान से मारने की धमकी, इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल, एसपी ने किया सस्‍पेंड
झारखंड के गढ़वा जिले में पुलिस के एक एएसआई का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ है।

गढ़वा, जासं। झारखंड के गढ़वा जिले में पुलिस के एक एएसआई की ओर से दुकानदार को जान से मारने की धमकी देने का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है। पुलिस की जांच रिपोर्ट में पता चला है कि मंगलवार की शाम छह बजे एएसआई बेलमोहन महली ने गढ़वा शहर के नाहर चौक स्थित अर्चित इंटरप्राइजेज की दुकान के मालिक से गाली-गलौज की और सर्विस रिवॉल्वर दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। एएसआई का यह करतूत इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई। एसडीपीओ के जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने एएसआई को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर पुलिस लाइन शिफ्ट कर दिया है। एसपी ने कहा कि एएसआई के इस कृत्य से पुलिस की छवि खराब हुई है। एएसआई की यह हरकत उनकी अनुशासनहीनता, कर्तव्यहिंता और उनके मनमाने पन को दर्शाता है। एसपी ने कहा कि यदि कोई पुलिस पदाधिकारी या जवान नियमों का उल्लंघन, अपराध, अनुशासनहीनता या अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतते पाए जाएंगे तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक सप्ताह के अंदर एसपी द्वारा दो पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। इससे पहले एसपी ने कांडी थाना में पदस्थापित एसआई राहुल कुमार को एक मामले में रिश्वत मांगने के आरोप में जांचोपरांत निलंबित किया गया था। एसपी के इस कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। आरोपित एएसआई बेलमोहन महली गढ़वा थाने में तैनात थे। मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा ने एसडीपीओ गढ़वा अवध कुमार यादव को जांच के आदेश दिया था। एसडीपीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोप को सही पाया। बताया जा रहा है कि संबंधित एएसआइ पर इससे पहले भी आरोप लगते रहे हैं। हालांकि आरोप के पक्ष में प्रमाण नहीं होने के कारण वह बच जाता था। इस बार पुख्‍ता प्रमाण सामने आया। इसके बाद आरोपित के आगे अपने बचाव का कोई रास्‍ता नहीं था।

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