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बच्चे को झपट कर भागीं चार महिलाएं, रानी च‍िल्‍ड्रेन हॉस्पिटल में अफरातफरी

राजधानी रांची के रानी चिल्ड्रेन अस्पताल से एक बच्‍चे को चार महिलाएं लेकर फरार हो गई। करुणा एनएमओ आश्रम की कर्मी सुशीला देवी के हाथों से बच्‍चों को छीन ल‍िया गया।

By Edited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 01:32 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 04:56 PM (IST)
बच्चे को झपट कर भागीं चार महिलाएं, रानी च‍िल्‍ड्रेन हॉस्पिटल में अफरातफरी
बच्चे को झपट कर भागीं चार महिलाएं, रानी च‍िल्‍ड्रेन हॉस्पिटल में अफरातफरी

रांची, जागरण संवाददाता। राजधानी के रानी चिल्ड्रेन अस्पताल से एक बच्चे को चार महिलाएं लेकर फरार हो गई। इस दौरान अस्पताल में अफरातफरी मच गई। बच्चे को करुणा एनएमओ आश्रम की कर्मी सुशीला देवी के हाथों से छीनकर चार महिलाएं फरार हो गई। इसे लेकर हटिया निवासी मैरी तिर्की, बुधु कंडिर और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

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प्राथमिकी में करुणा आश्रम के संचालक दीपक सहाय ने कहा है कि बच्चे को आश्रम कर्मी सुशीला डिस्चार्ज करवाने गई थी। इसी बीच मैरी तिर्की, बुधु कंडिर और दो अन्य लोग अस्पताल में मौजूद थे। वे लोग सुशीला से बच्चे को जबरन छीनने लगे। सुशीला के साथ हाथापाई भी की गई और उसे घेरकर महिलाओं ने उससे बच्चा छीन लिया। इसके बाद सभी वहां से भाग निकले। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है। बता दें कि संबंधित बच्चा मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित शिशु भवन से संबंधित है।

निर्मल हृदय से बच्चों की बिक्री का मामला सामने आने के बाद वहां से 22 बच्चों को सीडब्ल्यूसी रांची ने अपने कब्जे में ले लिया था। इनमें 12 बच्चों को खूंटी के सहयोग विलेज भेजा गया था। वहीं से इलाज के लिए बच्चे को रांची लाया गया था। 30 अगस्त को पहुंचा था अस्पताल : प्राथमिकी में दीपक सहाय ने कहा है कि सीडब्ल्यूसी रांची की ओर से बच्चे को संस्था को देखभाल के लिए 15 सितंबर को संस्था को दिया गया था।

जबकि सीडब्ल्यूसी खूंटी से बेहतर इलाज के लिए बच्चे को 30 अगस्त 2018 को रानी चिल्ड्रेन अस्पताल भेजा गया था। रविवार को अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे स्वस्थ होने की जानकारी दी और डिस्चार्ज कर बच्चे को हैंडओवर लेने की बात कही थी। उसे लेने गई कर्मी से बच्चे को अगवा कर लिया गया। मेडिकल रिपोर्ट को भी संबंधित लोग अपने साथ ले गए।

बच्चा बुधु कंडिर का है, लेकिन मिशनरीज ऑफ चैरिटी से बच्चों की बिक्री प्रकरण सामने आने के बाद बच्चा सीडब्ल्यूसी की देखरेख में था। ऐसे में सीडब्ल्यूसी का आदेश के बिना बच्चे को किसी को नहीं सौंपा जा सकता। इसके बावजूद वे छीनकर ले गए।

'बिना सीडब्ल्यूसी की अनुमति के बच्चे को लेना नियम विरुद्ध है। इस तरह बच्चे को झपटकर अगवा कर लेना अपराध है। इसपर कठोर कार्रवाई की जाएगी।' -रूपा कुमारी, अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी रांची।


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