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रांची के चार स्कूलों को स्किल हब के लिए होंगे विकसित, ड्राप आउट बच्चों को मिलेगा स्वरोजगार

व्यावसायिक पाठ्यक्रम पूरी कर ड्राप आउट बच्चे स्वरोजगार की ओर अग्रसर होंगे। राजकीय Ranchi News बालिका प्लस टू विद्यालय बरियातु की प्राचार्या रीता कुमारी ने बताया कि एनएसडीसी के द्वारा अंतिम रूप से चयन के बाद विद्यालय में व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत बच्चे आईटी व हेल्थकेयर ट्रेड में प्रशिक्षण प्राप्त

By Madhukar KumarEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 05:37 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 05:37 PM (IST)
रांची के चार स्कूलों को स्किल हब के लिए होंगे विकसित, ड्राप आउट बच्चों को मिलेगा स्वरोजगार
रांची के चार स्कूलों को स्किल हब के लिए होंगे विकसित, ड्राप आउट बच्चों को मिलेगा स्वरोजगार

रांची, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने जिले के चार विद्यालयों का चयन स्किल हब के तौर पर किया है। जिसमें राजकीय बालिका प्लस टू विद्यालय बरियातु, बालकृष्ण प्लस टू हाईस्कूल रांची, एसएस प्लस टू उच्च विद्यालय डोरंडा व प्लस टू हाई स्कूल चिलदाग का चयन किया गया है।

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स्किल हब के तौर पर विकसित

इन विद्यालयों को स्किल हब के तौर पर विकसित किया जाएगा। व्यावसायिक पाठ्यक्रम पूरी कर ड्राप आउट बच्चे स्वरोजगार की ओर अग्रसर होंगे। राजकीय बालिका प्लस टू विद्यालय बरियातु की प्राचार्या रीता कुमारी ने बताया कि एनएसडीसी के द्वारा अंतिम रूप से चयन के बाद विद्यालय में व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत बच्चे आईटी व हेल्थकेयर ट्रेड में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। खासकर वैसे ड्राप आउट बच्चे जिनकी उम्र 15 से 29 वर्ष के बीच है और किसी कारणवश उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी है और फिलहाल बेरोजगार हैं।

ड्राप आउट बच्चे स्वरोजगार की ओर होंगे अग्रसर

इस प्रशिक्षण के लिए चयनित विद्यालयों में दो प्रयोगशालाएं और दो प्रशिक्षक नियुक्त किए गए हैं। सरकार ऐसे बच्चों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम के जरिये प्रशिक्षित करने की दिशा में काम कर रही है। ताकि रोजगार सृजन के साथ साथ कौशल विकास को भी गति दी जा सके। वहीं बालकृष्ण प्लस टू हाईस्कूल की प्राचार्या दिव्या सिंह ने बताया कि उनके विद्यालय में तैयार टीम के सदस्यों द्वारा शहर के स्लम एरिया में जाकर आईटी और टूरिज्म हॉस्पिटैलिटी ट्रेड के लिए डोर टू डोर सर्वे का काम भी शुरू कर दिया गया है।

300 घंटे का होगा प्रशिक्षण

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम द्वारा चयनित ट्रेनर आकाश कुमार पांडेय ने बताया कि वो बच्चों को आईटी क्षेत्र से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराएंगे जबकि ट्रेनर पूनम कुमारी ने बताया कि हेल्थकेयर से संबंधित जानकारी साझा करेंगी। आकाश ने बताया कि एक बैच में कम से कम 15 बच्चे और अधिकतम 40 बच्चों को सूचीबद्ध कर 300 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। छह माह में 300 घंटे की ट्रेनिंग के दौरान प्रतिमाह हरेक बच्चे को 500 रूपए भी सरकार द्वारा दिए जाएंगे। इसके अलावे प्रशिक्षित बच्चों को विभाग के द्वारा सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जिसका उपयोग वे स्वरोजगार और बैंक से लोन लेने के लिए भी कर सकते हैं। बता दें कि इस सर्टिफिकेट के आधार पर प्रशिक्षित छात्रों को 5 से 25 लाख तक का लोन विभाग मुहैया कराएगा।


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