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20 साल मुकदमा लड़ी, हाईकोर्ट से फैसला भी मिला लेक‍िन जमीन पर कब्जे के लिए भटक रही दर-दर

डेढ़ कट्ठा जमीन का मामला। मापी के बाद अंचलाधिकारी भी एसडीओ से कर चुके हैं अनुशंसा। रिपोर्ट के बावजूद एसडीओ सदर फिर अंचलाधिकारी के पास भेजते हैं। रांची के उपायुक्त ने दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त करने के बजाए सीजेएम के यहां जाने को कहा। थककर पीड़िता ने लोकायुक्त कार्यालय का खटखटाया दरवाजा।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 05:29 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 05:29 PM (IST)
20 साल मुकदमा लड़ी, हाईकोर्ट से फैसला भी मिला लेक‍िन जमीन पर कब्जे के लिए भटक रही दर-दर
अपनी जमीन पर कब्‍जे के ल‍िए दर दर भटक रहीं शोभा देवी। जागरण

रांची ( द‍िलीप कुमार)। रांची में सदर थाना क्षेत्र के कोकर स्थित तिरिल रोड कलम कोचा की रहने वाली एक लाचार महिला शोभा देवी प्रशासनिक कुव्यवस्था की शिकार हो गई है। महज डेढ़ कट्ठा जमीन के लिए 20 साल तक केस लड़ी, हाई कोर्ट का फैसला भी पक्ष में आया, लेकिन रांची के प्रशासनिक अधिकारी फैसले के एक साल के बाद भी उसे जमीन पर कब्जा नहीं दिला पाए।

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बड़गाईं के अंचलाधिकारी ने भी शोभा देवी के पक्ष में जमीन की मापी कर अपनी अनुशंसा रांची के एसडीओ सदर से की कि दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त कर उक्त महिला को कब्जा दिलाया जा सकता है, लेकिन एसडीओ के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिला जब एसडीओ के पास पहुंची तो उन्होंने उसे फिर बड़गाईं अंचलाधिकारी के पास भेज दिया।

पीड़िता ने रांची के उपायुक्त पर भी आरोप लगाया है कि उन्होंने उसकी समस्या का समाधान करने के बजाय, उसे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां जाने को कह दिया। तब पीड़िता ने कहा कि 20 साल बाद उसे हर जगह से उसके पक्ष में फैसला आया है और अब वह फिर क्यों नीचली अदालत में गुहार लगाने के लिए जाये, इसपर उपायुक्त ने उसे कोई मदद नहीं की। थककर महिला शोभा देवी ने लोकायुक्त कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है।

महिला ने लोकायुक्त कार्यालय को जो दी है जानकारी

पीड़ित महिला शोभा देवी ने लोकायुक्त कार्यालय को बताया है कि उनकी कोकर मौजा में डेढ़ कट्ठा जमीन है। उक्त जमीन पर मालिकाना हक के लिए उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसका फैसला गत वर्ष 26 मई 2020 को उनके पक्ष में आया था। एसएआर पदाधिकारी की रिपोर्ट भी उनके पक्ष में है। उक्त जमीन का सीमांकन भी राजस्व उप निरीक्षक, अंचल निरीक्षक व अंचल अमीन ने संयुक्त रूप से 10 फरवरी 2021 को किया था। सीमांकन के बाद ही अंचलाधिकारी बड़गाईं ने एसडीओ से दंडाधिकारी व पुलिस बल प्रतिनियुक्त कर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। आज भी स्थिति यथावत है लेकिन पुलिस-प्रशासन के अधिकारी उसे उसकी जमीन पर कब्जा नहीं दिला पा रहे हैं।


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