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Rajya Sabha Horse Trading Case: निर्मला देवी बोलीं, रघुवर दास ने कहा था 5 करोड़ लो और भाजपा ज्वाइन करो

Jharkhand Political Update. राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पूर्व विधायक निर्मला देवी ने पुलिस को बयान दिया। कहा कि राज्यसभा चुनाव में वोट देने से रोकने की कोशिश हुई थी

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 01:42 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 11:14 AM (IST)
Rajya Sabha Horse Trading Case: निर्मला देवी बोलीं, रघुवर दास ने कहा था 5 करोड़ लो और भाजपा ज्वाइन करो
Rajya Sabha Horse Trading Case: निर्मला देवी बोलीं, रघुवर दास ने कहा था 5 करोड़ लो और भाजपा ज्वाइन करो

रांची, राज्य ब्यूरो। Rajya Sabha Horse Trading Case वर्ष 2016 के बहुचर्चित राज्यसभा चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में रांची पुलिस की टीम ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व उनकी पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी से शुक्रवार को पूछताछ की। योगेंद्र साव की पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी ने पुलिस को दिये बयान में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, उनके सलाहकार अजय कुमार और पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता पर कई गंभीर आरोप लगाए। निर्मला ने बताया कि 10 जून 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उनके आवास पर आकर उनपर राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं देने का दबाव बनाया था।

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साथ ही पांच करोड़ रुपये का प्रलोभन देते हुए कहा था कि तुम भाजपा ज्वाइन कर लो। रघुवर ने उनके पति योगेंद्र साव से भी यही सब बातें कही थीं। पुलिस को दिये बयान में निर्मला ने आगे बताया कि जून 2016 में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने से रोकने के लिए उनके पास रघुवर दास, अजय कुमार और तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता का कई बार कॉल आया था। कॉल की रिकॉर्डिंग चुनाव आयोग को सौंप दी गई है।

9 जून को रघुवर के सलाहकार अजय कुमार ने भी प्रलोभन देते हुए कहा था आप राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने नहीं जाएं, आपके और आपके पति के खिलाफ चल रहे सारे केस खत्म कर दिये जाएंगे। इसके एवज में आपको एक करोड़ रुपये भी दिए जाएंगे। बाद में रघुवर आए तो उन्होंने एक करोड़ की बजाय पांच करोड़ का प्रलोभन दिया। निर्मला ने कहा कि मैंने इन प्रलोभनों को ठुकराया और तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के साथ वोट देने विधानसभा गईं। ज्ञात हो कि 2016 के राज्यसभा चुनाव के वक्त निर्मला देवी बड़कागांव की विधायक थीं।

तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन और तत्कालीन जेवीएम अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और झामुमो के विधायकों पर वोट नहीं देने के लिए दबाव बनाने का आरोप तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास और भाजपा पर लगाया था। बाबूलाल मरांडी ने चुनाव आयोग को एक सीडी भी सौंपी थी, जिसमें तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की बातचीत की रिकॉर्डिंग थी।

अब सूबे में सरकार बदलने के बाद पुलिस ने नए सिरे से इस मामले की जांच शुरू की है। शुक्रवार को रांची पुलिस की टीम ने योगेंद्र साव से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में पूछताछ की। वहां उनसे राज्यसभा चुनाव के दौरान एक पार्टी विशेष के पक्ष में वोट करने का दबाव डालने सहित विभिन्न मुद्दों पर अनुसंधान टीम ने जानकारी ली। निर्मला देवी से पुलिस की दूसरी टीम ने उनके धुर्वा स्थित आवास पर पूछताछ की।

पूर्व विधायक निर्मला देवी ने अनुसंधान टीम को दिया बयान

पूर्व विधायक निर्मला देवी ने बताया कि 9 जून 2016 को उनके सलाहकार मोंटू के मोबाइल पर मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार का फोन आया। अजय कुमार ने मोंटू से कहा कि विधायक निर्मला देवी से बात कराओ। जब निर्मला देवी ने अजय कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि आप एडीजी अनुराग गुप्ता के आवास पर आ जाइए। निर्मला देवी जब वहां पहुंची तो मौके पर एडीजी अनुराग गुप्ता के अलावा अजय कुमार और उनके पति योगेंद्र साव भी मौजूद थे। वहां अजय कुमार ने कहा कि भाभी आप वोट देने नहीं जाएंगी।

ऐसा करने से आपके सारे केस खत्म कर दिए जाएंगे और आपके सारे काम हो जाएंगे। इसके एवज में आपको एक करोड़ रुपये भी दिए जाएंगे। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद की सारी बातें उनके पति योगेंद्र साव से हुई। दूसरे दिन यानी 10 जून 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास उनके आवास पर आए और उनके पति योगेंद्र साव से बातचीत की। इस बातचीत का ऑडियो मौजूद है। जाते वक्त मुख्यमंत्री ने कहा था कि तुम्हें वोट देने नहीं जाना है, तुम भाजपा ज्वाइन कर लो। तुम्हें पांच करोड़ रुपये मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनके पति से बातचीत हो गई है और वह भी पूरा सहयोग करेंगे। निर्मला देवी ने यह भी बताया कि 11 जून 2016 को राज्यसभा चुनाव के दिन उनके सलाहकार और उनके पति के मोबाइल पर मुख्यमंत्री, उनके सलाहकार और एडीजी अनुराग गुप्ता का कई बार कॉल आया। कॉल की रिकॉर्डिंग चुनाव आयोग को सौंप दी गई है। इसके बाद वह किसी तरह तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के पास पहुंची और उन्हीं के साथ वोट देने विधानसभा गईं।


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