एनटीपीसी गोलीकांड मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, जानिए पूरा मामला
झारखंड हाई कोर्ट से एनटीपीसी गोलीकांड मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया है। कई वर्षों से जेल में बंद पूर्व मंत्री को जमानत नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। एनटीपीसी गोलीकांड मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को झारखंड हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने उन्हें जमानत देने से इन्कार करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। अदातल ने कहा कि प्रार्थी के जमानत के लिए कोर्ट में दी गई दलील पहले भी कही जा चुकी है, जिस पर पूर्व में उनकी जमानत खारिज हो चुकी है। इसलिए इस बार भी प्रार्थी को इस आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती है। इसके बाद अदालत ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की जमानत को खारिज कर दिया।
हाई कोर्ट ने सोमवार को फैसला रख लिया था सुरक्षित
मालूम हो कि झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत में सोमवार को पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की जमानत पर सुनवाई हुई थी। दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में अब मंगलवार को अदालत ने अपना फैसला भी सुना दिया है। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद योगेंद्र साव की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
करीब साढ़े तीन साल से जेल में बंद हैं योगेंद्र
सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा गया था कि इस मामले में सभी गवाही समाप्त हो चुकी है। बचाव पक्ष की ओर से गवाही हो रही है। इसके अलावा इस मामले में सूचक ने भी कहा है कि घटनास्थल पर योगेंद्र साव मौजूद नहीं थे। वह करीब साढ़े तीन साल से जेल में बंद हैं, इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। इस दौरान सरकार की ओर से उनकी जमानत का विरोध किया गया था। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि एनटीपीसी के खनन के विरोध में ग्रामीण आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई थी, जिसके बाद इन्हें भी मामले में आरोपित बनाया गया था।
सिविल कोर्ट में योगेंद्र साव की दर्ज हुई थी गवाही
एनटीपीसी खनन के विरोध में किए जा रहे आंदोलन में हुई झड़प मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की ओर से रांची सिविल कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया गया था। इस दौरान उन्हें जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया था। जहां पर उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में गवाही दर्ज कराई थी। इस दौरान कोर्ट ने घटना से संबंधित योगेंद्र साव से कई सवाल भी पूछे थे। इसके अलावा इस मामले में योगेंद्र साव की पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी और पुत्र अंकित राज ने भी अपनी गवाही दर्ज कराई थी।