85 दिन बाद जेल से निकले पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, अब करेंगे चुनाव प्रचार Ranchi News
Jharkhand Assembly Election 2019. ACB ने चार सितंबर को सिविल कोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर जेल भेजा था। राष्ट्रीय खेल घोटाले में वारंट निकलने के बाद बंधु तिर्की की गिरफ्तारी हुई थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 - हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पूर्व मंत्री बंधु तिर्की बुधवार को 85 दिनों के बाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार से बाहर निकले। मांडर से झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बंधु तिर्की अब चुनाव प्रचार में जुट जाएंगे। मांडर विधानसभा क्षेत्र में सात दिसंबर को मतदान होना है। झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने राष्ट्रीय खेल घोटाले के मामले में चार सितंबर को सिविल कोर्ट परिसर से उन्हें गिरफ्तार किया था।
उनकी गिरफ्तारी के बाद झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई थी। जेल में रहते हुए बंधु तिर्की ने मांडर सीट पर झाविमो के टिकट से चुनाव लडऩे के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था। बंधु तिर्की ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने दो दिन पूर्व ही यानी सोमवार को बंधु तिर्की को दो मामलों में सशर्त जमानत दे दी थी।
शर्त यह कि बंधु तिर्की बिना कोर्ट की इजाजत के विदेश नहीं जा सकते। अगर गवाहों को प्रभावित करते पाए गए, तो जमानत रद की जा सकती है। बंधु तिर्की पर राष्ट्रीय खेल घोटाले के अलावा पत्थलगड़ी समर्थकों को भड़काने का भी आरोप है। सोशल मीडिया पर भी पत्थलगड़ी का समर्थन करने का आरोप पुलिस ने उन पर लगाया है।
नाटकीय अंदाज में कोर्ट परिसर से गिरफ्तार हुए थे बंधु तिर्की
बहुचर्चित 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में फंसे पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने चार सितंबर की दोपहर सीबीआइ कोर्ट से बाहर निकलते ही गिरफ्तार कर लिया था। वे सीबीआइ कोर्ट में चल रहे आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में गवाही देने पहुंचे थे, बाहर निकलते ही एसीबी की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
बंधु तिर्की ने एसीबी को चुनौती दी थी कि उनके पास कोई अवैध संपत्ति या अतिरिक्त बैंक बैलेंस नहीं है। अगर एसीबी में हिम्मत है तो उनके विरुद्ध सबूत जुटाए और न्यायालय में साबित करे। अगर ऐसा हुआ तो वे आजीवन जेल में रहेंगे और जमानत याचिका भी दायर नहीं करेंगे।
क्या है पूरा मामला
34वां राष्ट्रीय खेल घोटाला 28.34 करोड़ रुपये का है। इसमें जरूरत से अधिक खेल सामग्री अधिक मूल्य पर खरीदी गई थी। खेल सामग्री खरीद के लिए निविदा समिति बनी थी। इसमें एनजीओसी के महासचिव एसएम हाशमी, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक व खेल निदेशक पीसी मिश्रा थे। इस घोटाले में तीनों के विरुद्ध एसीबी पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। ये तीनों जमानत पर हैं।
राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आरके आनंद के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई पर फिलहाल अदालत ने रोक लगा रखी है। राष्ट्रीय खेल के वक्त बंधु तिर्की झारखंड सरकार के तत्कालीन खेल मंत्री थे। उनपर आरोप है कि उन्होंने धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता की। स्क्वैश कोर्ट के निर्माण की जिम्मेदारी मुंबई की एक कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को दी गई थी। कंपनी ने 1,44,32850 रुपये का एस्टीमेट दिया था।
इस प्रस्ताव पर आयोजन समिति के महासचिव एसएम हाशमी और तत्कालीन खेल निदेशक तथा सचिव की अनुशंसा के बाद फाइल तत्कालीन विभागीय मंत्री (खेल मंत्री) बंधु तिर्की के पास भेजी गई थी। इस फाइल को तत्कालीन मंत्री बंधु तिर्की ने नीतिगत निर्णय लेते हुए 20 अक्टूबर 2008 को अनुमोदित कर दिया था। इसमें कंपनी को अग्रिम 50 लाख रुपये दिए गए थे, लेकिन बाद में बिना स्वीकृति के भुगतान के कारण वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई थी। इस मामले में एसबी ने वर्ष 2010 में प्राथमिकी दर्ज की थी।