जेल में बंद पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की अभी और बढ़ेंगी मुश्किलें, CBI एसपी बोले-बिना जांच के ही दे दी क्लोजर रिपोर्ट
सीबीआइ के विशेष जज एके मिश्रा की अदालत में सीबीआइ एसपी पीके पाणिग्रही ने कहा कि बंधु तिर्की से पूछताछ किए बिना संपत्ति की जांच किए बिना ही अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।
रांची, जासं। पूर्व मंत्री बंधु तिर्की से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में सोमवार को सीबीआइ के विशेष जज एके मिश्रा की अदालत में सीबीआइ एसपी पीके पाणिग्रही एवं रांची के तत्कालीन डीसी एवं वर्तमान में श्रम विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरविंद एक्का की गवाही हुई। पीके पाणिग्रही वर्तमान में कोलकाता में पोस्टेड हैं। इन्होंने 2010 में दिल्ली में एसीपी के पद पर पोस्टिंग के दौरान केस का अनुसंधान किया था।
गवाही के दौरान पीके पाणिग्रही ने अदालत से कहा कि बंधु तिर्की के मार्च 2005 से जून 2009 तक की आय व्यय की जांच की गई थी। जांच के दौरान 628698 रुपये आय से अधिक पाए गए। अदालत से उन्होंने कहा कि उन्होंने बंधु तिर्की की संपत्ति के विषय में कोई छानबीन नहीं की थी, न ही उनसे इस संबंध किसी प्रकार की पूछताछ की गई। संपत्ति की जांच किए बिना ही अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। वहीं रांची के डीसी रहे राजीव आनंद एक्का ने 2005 के विधान सभा चुनाव में बंधु तिर्की की ओर से दाखिल शपथ पत्र की पहचान की।
अदालत ने सीबीआइ के क्लोजर रिपोर्ट को मानने से कर दिया था इन्कार
बंधु तिर्की पर आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआइ ने वर्ष 2010 में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच के बाद सीबीआइ ने मई 2013 में अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। इसमें बताया था कि तिर्की के पास आय से अधिक संपत्ति तो है, लेकिन उतनी संपत्ति नहीं कि उनके विरुद्ध सीबीआइ जांच करे। सीबीआइ की विशेष अदालत ने सीबीआइ की दलील को खारिज कर दिया और मामले में संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया था। 2005 से 2009 तक मंत्री रहने के दौरान बंधु तिर्की द्वारा 30 फीसद आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है।
खेल घोटाला में जेल में बंद हैं बंधु तिर्की
34वें नेशनल खेल घोटाले में आरोपित पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को एसीबी ने चार सितंबर को गिरफ्तार किया था। बंधु तिर्की एक अन्य मामले में पेश होने सिविल कोर्ट पहुंचे थे। इसी दौरान एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल बंधु होटवार जेल में बंद हैं। उन पर नेशनल गेम के आयोजन में 28.34 करोड़ रुपये घोटाले का आरोप है।