पूर्व मुख्य सचिव सजल को जमानत, जेल से आएंगे बाहर
सजा की आधी अवधि जेल में बिताने पर मिली जमानत रांची । चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता झारखंड
सजा की आधी अवधि जेल में बिताने पर मिली जमानत रांची । चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सचल चक्रवर्ती को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने उन्हें जमानत प्रदान की है।
अदालत ने पचास-पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। सजल चक्रवर्ती को जुर्माने के एक लाख रुपये और अपना पासपोर्ट जमा करना होगा। सजा की आधी अवधि जेल में बिताने पर मिली जमानत
जमानत मिलने के बाद सजल अब जेल से बाहर निकल पाएंगे क्योंकि पूर्व में उन्हें एक मामले में जमानत मिल चुकी है। दरअसल, चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के दो मामलों में सीबीआइ की विशेष कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई है। एक मामले में पूर्व में ही उन्हें जमानत मिल चुकी थी। अबकी बार चाईबासा (आरसी-68ए/96) मामले में जमानत याचिका दाखिल की गई है। याचिका में स्वास्थ्य का भी हवाला दिया गया था।
सुनवाई के दौरान सजल के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इस मामले में सीबीआइ कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई थी। सजल ने दो साल से अधिक समय जेल में बिता दिया है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के नियमानुसार उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। इस पर अदालत ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी।
हाई कोर्ट ने रांची शहरी क्षेत्र के खास महाल भूखंडों के बारे में मांगी जानकारी - अदालत ने पूछा, अवैध हस्तांतरण पर सरकार क्या कर रही कार्रवाई
- सदर सीओ को अदालत ने लगाई फटकार
राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस केपी देव की अदालत ने सरकार से राची सदर अंचल में स्थित खास महाल की जमीन के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। साथ ही पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने पूछा है कि सदर अंचल में खास महाल की कितनी जमीन है। अगर खास महाल जमीन का हस्तांतरण हुआ है, तो उसकी भी पूरी जानकारी दी जाए। सदर सीओ इसकी अद्यतन जानकारी राजस्व सचिव को देंगे। मुख्य सचिव इस मामले का अनुश्रवण करेंगे और अदालत में शपथ पत्र दाखिल किया जाएगा। मामले में अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी। सुनवाई के दौरान रांची सदर के सीओ अदालत में उपस्थित थे। सुनवाई के दौरान अदालत ने उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई।
महाधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि मुख्य सचिव ने अपनी सशरीर उपस्थिति से छूट के लिए आवेदन दाखिल किया है। उनकी ओर से शपथ पत्र भी दाखिल की गई है। इसमें मुख्य सचिव ने बताया है कि विषय की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कहा गया कि खास महाल जमीन के अवैध हस्तांतरण के मामले प्रकाश में आते रहते हैं और यह गंभीर विषय है कि राजस्व पदाधिकारियों द्वारा इनके खिलाफ समय से कार्रवाई नहीं की जाती है। इस पर अदालत ने मौखिक रुप से कहा कि इस तरह के सैकड़ों मामले हो सकते हैं और राजस्व पदाधिकारियों को इसको गंभीरता से लेना चाहिए।
बता दें कि चेतमन कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पूर्व में खास महाल जमीन से संबंधित जानकारी मांगी थी। प्रार्थी ने बड़े पैमाने पर खास महाल की जमीन के अवैध हस्तांतरण का आरोप लगाया है।
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