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Palamu News: हुसैनाबाद बीडीओ की फर्जीवाड़ा... बिना टेंडर मनरेगा के पैसे से खरीदा मेडिकल किट... वेतनवृद्धि पर लगी रोक

Big Forgery In Palamu मनरेगा मजदूरों के लिए डीपीआर में ही शामिल रहता है किट। अलग से किया क्रय- प्रति मेडिकल किट 215 रुपये की जगह 250 रुपये का किया भुगतान। जांच में पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार ने दो वेतनवृद्धि पर की रोक लगाई।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 06:40 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 06:42 PM (IST)
Palamu News: हुसैनाबाद बीडीओ की फर्जीवाड़ा... बिना टेंडर मनरेगा के पैसे से खरीदा मेडिकल किट... वेतनवृद्धि पर लगी रोक
Palamu News: हुसैनाबाद बीडीओ की फर्जीवाड़ा... बिना टेंडर मनरेगा के पैसे से खरीदा मेडिकल किट... वेतनवृद्धि पर लगी रोक

रांची, राज्य ब्यूरो। पलामू के हुसैनाबाद प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ शेखर कुमार ने बिना टेंडर मनरेगा के पैसे से दो आपूर्तिकर्ताओं से मेडिकल किट खरीद लिया। मनरेगा योजनाओं की डीपीआर में ही मजदूरों के सामान्य चोट में उपचार के लिए मेडिकल किट का प्रविधान रहता है, लेकिन तत्कालीन बीडीओ ने नियम को धता बताते हुए प्रशासनिक मद से इसकी अलग से खरीद कर ली। इसे मनरेगा एक्ट का उल्लंघन और वित्तीय अनियमितता बताया गया है।

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215 रुपये की जगह पर 250 रुपये का भुगतान

जांच में यह भी बात सामने आई कि प्रति किट अनुमानित मूल्य 215 रुपये की जगह पर 250 रुपये का भुगतान आपूर्तिकर्ताओं को किया गया। साथ ही साथ आपूर्तिकर्ताओं ने 3,221 मेडिकल किट की जगह 1300 मेडिकल किट की ही आपूर्ति की, लेकिन आपूर्तिकर्ताओं को कुल 3,221 किट का भुगतान कर दिया गया। जांच में इसे फर्जीवाड़ा माना गया है। विभागीय कार्यवाही के दौरान तत्कालीन बीडीओ ने अपनी सफाई में कहा कि मजदूरों के हित में मनरेगा के तहत सूचीबद्ध वेंडरों द्वारा ही मेडिकल किट का क्रय किया है। इन्होंने गलत ढ़ंग से मेडिकल किट की राशि जीरो बैलेंस खाता में डालकर आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान किया था।

बीडीओ ने कहा- मानवीय भूल हो गई

अपने स्पष्टीकरण में उन्होंने इसे मानवीय भूल बताया। विभागीय कार्यवाही संचालित करनेवाले पदाधिकारी ने उनके जवाबों को असंतोषजक बताते हुए शेखर कुमार के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा कार्मिक विभाग से की, जिसके बाद विभाग ने उन्हें दंडित करते हुए उनके दो वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है। इससे पहले, तत्कालीन बीडीओ को अपना पक्ष रखने का एक और मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी पूर्व की बातों को ही दोहराया। उन्होंने कोई नया तथ्य नहीं दिया। इसके बाद विभाग ने उक्त कार्रवाई की।


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