मेक स्माल स्ट्रांग : लाकडाउन की परेशानियों ने दिया सोचने का अवसर, दिखने लगा बदलाव
कोरोना संक्रमण ने पूरी मानवता के समक्ष गंभीर चुनौती पेश की। इसका सामना कर आगे का रास्ता खुल गया।
जागरण संवाददाता, रांची : कोरोना संक्रमण ने पूरी मानवता के समक्ष गंभीर चुनौती पेश की। कुछ लोगों ने हार नहीं मानते हुए चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया। व्यापारियों के लिए संक्रमण काल में सबसे बड़ी चुनौती अनलाक में शुरू हुई जब बाजार में लगभग तीन महीने की बंदी के बाद खुद को स्थापित करना पड़ा। ऐसे में ग्राहकों की अपेक्षा पर खरा उतरने की कसौटी थी। रांची के सबसे बड़े कपड़ा व्यापारियों में से एक संतोष जैन बताते हैं कि उनका प्रतिष्ठान बिग शाप वर्षों से कपड़ा व्यापार में एक भरोसेमंद नाम रहा है। रांची में करीब 100 वर्षों से एमआर मार्केट के नाम से होल सेल का काम रहा है। इस दुकान से कई पीढि़यों का भरोसा जुड़ा है। इसके बावजूद कोरोना संक्रमण ने व्यापार से जुड़ी कई बारीक चीजों के बारे में सोचने का मौका दिया। हमने इस संक्रमण काल में व्यापार के ढीले पड़े तानेबाने को कसा। कई समस्याएं समझ में भी आई। ओवर स्टाकिग कम की। वित्त से जुड़े कई मामलों को सुलझाया। अनलाक शुरू होने पर ग्राहकों के लिए पुराने विश्वास के साथ नए रूप में आए। समय के साथ बदलना है जरूरी:
बिग शाप की स्थापना 1998 में हुई। संतोष जैन बताते हैं कि तब ये दुकान केवल तीन हजार स्क्वायर फीट में थी। वर्तमान में यह दुकान 70 हजार स्क्वायर फीट के साथ पूर्वी भारत के सबसे बड़े गार्मेंट रिटेल स्टोर में से एक है। संतोष जैन बताते हैं कि मेरा मानना है कि जो समय के साथ बदलता है, वही व्यापार में टिका रह सकता है। हमें ग्राहकों की जरूरत और वक्त दोनों का बारीकी से ख्याल रखने की जरूरत है। अपने व्यापार को हमेशा ग्राहक की नजरों से देखने की जरूरत है। साथ ही हमेशा आने वाले ग्राहकों के साथ रिश्ता सबसे महत्वपूर्ण है। कोई भी व्यापार बेहतर रिश्तों और विश्वास पर ही चलता है। व्यापार के एक नियम के नए युग के व्यापारियों को भी याद रखना चाहिए कि व्यापार हमेशा वही फलता हो तो साफ नीयत से की जाती है। इसके साथ ही माल निकालने के बजाए अपने ग्राहक के हित के बारे में सोचिए। दुकान के खुलने से लेकर आज तक हमारी दुकान में ग्राहकों को इमानदार राय और बेहतर माल देते हैं। इसलिए आज 30 हजार से ज्यादा ग्राहक हमारे लायल कार्ड धारक मेंबर है। कोरोना काल में रखा कर्मचारियों का ख्याल:
संतोष जैन बताते हैं कि पूरी जिदगी में जैसा कोरोना काल बिता ऐसी बंदी और ऐसी तकलीफ शायद कभी किसी ने नहीं देखी थी। पिछले 100 वर्षों में ऐसा कभी नहीं हुआ कि दुकान 90 दिनों के आसपास तक बंद रही हो। मगर हमने अपने कर्मचारियों को अपने घर का सदस्य समझकर पूरे काल में मदद किया। उन्हें हर तरह की आर्थिक मदद दी। किसी कर्मचारी को घर पर बैठने के लिए मजबूर नहीं किया। इससे कर्मचारियों में दुकान को लेकर अपनेपन का एहसास है। वो भी व्यापार को बढ़ाने में उतना ही योगदान कर रहे हैं जितना हम। दुकान में सैनिटाइजेशन का किया पूरा इंतजाम:
बिग शाप के संस्थापक संतोष जैन बताते हैं कि अनलाक में सबसे बड़ी समस्या ग्राहकों को घर से बाजार में निकालने की थी। हम समझते हैं कि कोरोना का इलाज जब तक नहीं मिल जाता तब तक बचाव ही एक मात्र समाधान है। ऐसे में बिग शाम में हमने सबसे पहले बेहतर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की। सैनिटाइजेशन मशीन खरीदी और समय-समय पर सैनिटाइज करना शुरू किया। दुकान में सैनिटाइजेशन केवल ग्राहकों के लिए नहीं, बल्कि वहां काम करने वाले कर्मचारियों और उनके परिवार के लिए भी जरूरी है। इस सुरक्षा के भाव ने ही हमें व्यापार में फिर से स्थापित करने में बड़ी सहायता की। तैयार है शादी का सेक्शन:
बिग शाप में लगन के लिए स्पेशल सेगमेंट तैयार किया गया है। इसमें दुल्हन के लिए स्पेशल और नए कलेक्शन लाए गए हैं। इसके साथ ही दुल्हे को दुकान में तैयार करके मंडप तक पहुंचाने की व्यवस्था है। संतोष जैन बताते हैं कि दूल्हे को तैयार करने के की मंडप तक पहुंचाने की व्यवस्था रांची में एक हमारी एक अनोखी शुरूआत है। इसके अलावा भी बिग शाप के द्वारा व्यापार को बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है।